दिल्ली से भी ज्यादा गर्म है कश्मीर, पूरी सर्दी ना बारिश, ना बर्फबारी, सूखा जैसे हालात
जम्मू-कश्मीर में इस साल सर्दी का मौसम स्थानीय लोगों के लिए चिंता लेकर आया है। हालात ऐसे हैं कि यहां दिल्ली से भी कम ठंड पड़ रही है और लगभग सूखे जैसी स्थिति है।
जम्मू-कश्मीर में सर्दी के मौसम ने सभी को चिंता में डाल दिया है। रातें बेहद ठंडी और दिन गर्म रहते हैं। ऐसे असामान्य मौसम को जम्मू-कश्मीर के लोग एक बहुत बुरा संकेत बता रहे हैं। जनवरी के महीने में भी बर्फबारी की बहुत कम संभावना के साथ कश्मीर संभावित सूखे जैसी स्थिति की ओर बढ़ रहा है। आलम ये है कि इस सर्दी के मौसम में दिल्ली से ज्यादा कश्मीर के दिन गरम हो रहे हैं।
खेती के साथ-साथ पीने के पानी का भी संकट
कश्मीर में पहाड़ से लेकर मैदान तक जर्रा-जर्रा सूख रहा है। नदी नालों का पानी खिसक रहा है। ना बारिश हो रही है, ना ही बर्फ गिर रही है। इस मौसम के कारण सबसे ज्यादा कोई अगर चिंतित है तो वो हैं यहां के किसान। क्योंकि अगर इस मौसम में बर्फ़बारी ना हुई तो आने वाले समय में अच्छी फसल की उम्मीद बेहद कम नज़र आ रही है। पूरी कश्मीर घाटी में कम या बिल्कुल बर्फबारी की सूचना नहीं मिलने से स्थानीय लोगों को कृषि, बागवानी और पेयजल आपूर्ति पर असर पड़ने का डर सताने लगा है।
नदियों के वाटर लेवल में आ रही गिरावट
स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ाने वाली बात यह है कि नदियों में पानी के बहाव में अनुमानित गिरावट आई है। लोगों का मनाना है कि किसानों को आने वाले महीनों में कम या बिल्कुल भी बर्फबारी नहीं होने का परिणाम भुगतना पड़ेगा। जब किसान अपने बगीचों और खेतों में काम करना शुरू करेंगे, तब गर्मियों में पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। उद्यान अधिकारी मोहम्मद अमीन भट का कहना है कि हम पैटर्न में बदलाव देख सकते हैं, क्योंकि फलों के पेड़ों में जल्दी फूल आ सकते हैं और वसंत की नकल करते हुए गर्म मौसम के कारण सरसों और अन्य सर्दियों की फसलें फूलना शुरू कर सकती हैं। इससे उत्पादन पर गंभीर असर पड़ेगा क्योंकि इसके कारण किसी भी समय तापमान में अचानक गिरावट हो सकती है।
सामान्य से आठ डिग्री अधिक है तापमान
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में मौसम शुष्क है और बर्फबारी नहीं होने से रात में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है जबकि दिन अपेक्षाकृत गर्म हैं। श्रीनगर में दिन का तापमान साल के इस समय के सामान्य से आठ डिग्री अधिक है। कश्मीर में वर्तमान में 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि "चिल्लई-कलां" जारी है। इन दिनों क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है, जिससे जल निकायों के साथ-साथ पाइप में भी पानी जम जाता है। इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना अधिक होती है और अधिकांश क्षेत्रों, विशेषकर ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी होती है।
कश्मीर में ना बारिश हुई ना बर्फबारी
कश्मीर लंबे समय से सूखे के दौर से गुजर रहा है और दिसंबर में 79 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। जबकि जनवरी के पहले पखवाड़े में घाटी के ज्यादातर हिस्सों में कोई बारिश नहीं हुई है। कश्मीर के अधिकतर मैदानी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है, जबकि घाटी के ऊपरी इलाकों में सामान्य से कम बर्फबारी हुई है। मौसम विभाग ने 21 जनवरी तक शुष्क मौसम रहने का अनुमान जताया है। 'चिल्लई-कलां' 31 जनवरी को खत्म हो जाएगा। उसके बाद 20 दिन की 'चिल्लई-खुर्द' (छोटी ठंड) और 10 दिन की 'चिल्लई-बच्चा' की अवधि चलेगी और ठंड की स्थिति जारी रहेगी।
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