अनंतनाग: कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग राज्य का दर्जा और अपने अधिकारों की बहाली के लिए बड़ी संख्या में मतदान करने के वास्ते घरों से बाहर निकलेंगे। दक्षिण कश्मीर जिले में डूरू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे मीर ने कहा कि मतदान के पीछे मंशा जम्मू-कश्मीर में ‘दिल्ली का शासन’ बदलना है। मीर ने मतदान के बाद कहा, ‘मैंने पिछले 10 साल से जम्मू कश्मीर के लोगों पर दिल्ली के शासन को बदलने के इरादे से अपना वोट डाला है। आज का सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि जम्मू कश्मीर समृद्ध हो और लोगों के जीवन में खुशहाली आए।’
‘राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए होगी वोटिंग’
कांग्रेस नेता ने कहा कि वोट की ताकत के जरिए जम्मू कश्मीर के लोग राज्य का दर्जा बहाल करने और अपनी जमीन व नौकरियों की रक्षा करने की मांग करेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा,‘लोग अपनी जमीन और नौकरी के अधिकारों की बहाली के साथ-साथ राज्य के दर्जे की बहाली के लिए मतदान कर रहे हैं और मुझे लगता है कि लोग बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए घरों से बाहर निकलेंगे।’ बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार सुबह 7 बजे मतदान प्रारंभ हो गया। अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद पहली बार यहां वोट डाले जा रहे हैं।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हो रहा मतदान
केंद्र शासित प्रदेश के 7 जिलों की 24 सीट पर पहले चरण में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान हो रहा है। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किये जाने के बाद यह जम्मू-कश्मीर में पहला विधानसभा चुनाव है। आज पूर्व मंत्री सज्जाद किचलू (नेशनल कॉन्फ्रेंस), खालिद नजीद सुहारवर्दी (NC), विकार रसूल वानी (कांग्रेस), अब्दुल मजीद वानी (DPAP), सुनील शर्मा (BJP), शक्ति राज परिहार (डोडा पश्चिम) और गुलाम मोहम्मद सरूरी के सियासी भविष्य का फैसला होगा। बीजेपी का युवा चेहरा शगुन परिहार, जिनके पिता अजीत परिहार और चाचा अनिल परिहार की नवंबर 2018 में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, की भी किस्मत का फैसला आज होगा। (भाषा)