'कांग्रेस, राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर को फिर से आतंकवाद की ओर धकेलना चाहते हैं', किश्तवाड़ में गरजे गृह मंत्री अमित शाह
जम्मू कश्मीर में आज गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस पर जमकर हमला बोला है।
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किश्तवाड़ में एक रैली की। इस रैली में गृह मंत्री अमित शाह नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। साथ ही उन्होंने 370 को लेकर भी सरकार का स्टैंड क्लियर किया। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पर ‘‘अपने परिवार की सरकार’’ बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे जम्मू कश्मीर में सत्ता में नहीं आ सकते। साथ ही राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर को फिर से आतंकवाद की ओर धकेलना चाहते हैं।
अमित शाह कह चुके हैं कई बार
जम्मू कश्मीर में भाजपा नेता अमित शाह ने बार-बार दावा किया है कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) आतंकवाद के प्रति नरम रुख रखती है और यदि गठबंधन सरकार सत्ता में आती है तो वे आतंकवादियों और पत्थरबाजों को जेलों से रिहा करने की योजना बना रही है। हालांकि उनके दावे को नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहले ही खारिज कर चुके हैं।
क्या कहा रैली में
चुनावी रैली में शाह ने कहा, "एक बार फिर यहां आतंकवाद के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश की जा रही है। एनसी और कांग्रेस ने तो यहां तक वादा किया है कि अगर वे सत्ता में आए तो इन आतंकवादियों को रिहा कर देंगे। लेकिन मैं आज आपको भरोसा दिलाता हूं कि जब तक नरेंद्र मोदी की सरकार (केंद्र में) है, कोई भी भारत की धरती पर आतंकवाद फैलाने की हिम्मत नहीं कर पाएगा।"
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद को उस स्तर तक दफनाने का संकल्प लिया है कि वह फिर न लौट पाए। उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं इस क्षेत्र के सभी शहीदों को याद करता हूं और वादा करता हूं कि हम आतंकवाद को इस तरह खत्म कर देंगे कि यह फिर कभी नहीं उभरेगा।’’
370 को बताया इतिहास
इसके अलावा, शाह ने दोहराया कि अनुच्छेद 370, जो जम्मू और कश्मीर को 'विशेष दर्जा' देता था और जिसे अगस्त 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा निरस्त कर दिया गया था, अनुच्छेद-370 इतिहास बन गया है, वापस नहीं आ सकता। आगे कहा कि अगर अनुच्छेद 370 वापस लाया जाता है तो इससे गुर्जरों और पहाड़ियों को दिया गया आरक्षण समाप्त हो जाएगा।
ये भी पढ़ें: