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Hindi News जम्मू और कश्मीर श्रीनगर में कड़ाके की ठंड ने तोड़ा रिकॉर्ड, जल सप्लाई करने वाले पाइप में जम गया पानी

श्रीनगर में कड़ाके की ठंड ने तोड़ा रिकॉर्ड, जल सप्लाई करने वाले पाइप में जम गया पानी

कश्मीर घाटी में शीत लहर का प्रकोप जारी है। कई इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। वहीं, पहाड़ों पर बर्फबारी भी हो रही है।

 कश्मीर घाटी में शीत लहर का प्रकोप- India TV Hindi Image Source : FILE-PTI कश्मीर घाटी में शीत लहर का प्रकोप

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में पहाड़ों पर बर्फबारी ने कपकंपी बढ़ा दी है। कश्मीर में शीत लहर के प्रभाव ने ठिठुरन बढ़ा दी है। श्रीनगर शहर में बीत रात इस मौसम में सबसे ठंडी रात रही, जबकि घाटी में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से कई डिग्री नीचे दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर शहर में बुधवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 5.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछली रात के तापमान शून्य से नीचे 5.
3 डिग्री सेल्सियस से भी कम रहा। 

गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे  

अधिकारियों ने बताया कि शहर में यह इस मौसम का सबसे कम तापमान रहा। उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि बारामूला जिले के प्रसिद्ध रिसॉर्ट गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 

जलापूर्ति करने वाले पाइप में पानी जमा

काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 3.8, कोकेरनाग शहर में शून्य से नीचे 1.6 और कुपवाड़ा में शून्य से नीचे 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। घाटी में तेज शीत लहर के कारण कई जलाशय जम गए हैं, और कई क्षेत्रों में जलापूर्ति करने वाले पाइप में भी पानी जम गया है। मौसम कार्यालय ने कहा कि 15 दिसंबर तक मुख्य रूप से मौसम शुष्क रहेगा लेकिन सप्ताहांत में हल्की बारिश हो सकती है। 

अभी नहीं मिलेगी ठंड से राहत

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की सर्दी पिछले 15 दिन से पड़ रही है। ज्यादातर इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चला गया है। वहीं, पहाड़ों पर बर्फबारी भी देखी जा रही है। भीषण शीतलहर की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। मौसम विभाग की मानें तो घाटी के लोगों को आने वाले 15 दिन तक ठंड से राहत नहीं मिलेगी।