जम्मू-कश्मीर से हटा राष्ट्रपति शासन, सरकार गठन का रास्ता साफ; गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश
गृह मंत्रालय के एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया है, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में सरकार गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
जम्मू-कश्मीर में अब नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, गृह मंत्रालय के एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया है, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में सरकार गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। गृह मंत्रालय ने क्षेत्र में राष्ट्रपति शासन लगाने से संबंधित 31 अक्टूबर, 2019 के अपने पहले के आदेश को रद्द कर दिया। 13 अक्टूबर, 2024 के नवीनतम आदेश ने अपने 5 साल पुराने आदेश को रद्द कर दिया। इस आदेश के क्रियान्वयन के साथ ही उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नई सरकार को आगामी सप्ताह में शपथ लेने की आधिकारिक मंजूरी मिल गई है।
गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश
गृह मंत्रालय ने आदेश में कहा, "जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 के तहत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के संबंध में 31 अक्टूबर, 2019 का आदेश मुख्यमंत्री की नियुक्ति से तुरंत पहले रद्द कर दिया जाएगा।"
साल 2019 में लागू हुआ राष्ट्रपति शासन
बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद 31 अक्टूबर, 2019 को जम्मू और कश्मीर में केंद्रीय शासन लागू किया गया था। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को संसद द्वारा 5 अगस्त 2019 को पारित किया गया था। उसी तारीख को राज्य दो भागों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था। दोनों को केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में नामित किया गया था। सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इस क्षेत्र को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था।
नेशनल कॉन्फ्रेंस की बनेगी सरकार
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में, नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत हासिल किया। चार स्वतंत्र विधायकों के पार्टी में शामिल होने के फैसले के बाद नेकां ने अपने दम पर 46 का बहुमत का आंकड़ा छू लिया। नए सप्ताह में उमर अब्दुल्ला सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने 11 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात की और सरकार बनाने के लिए समर्थन पत्र सौंपा। उमर को गुरुवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल का नेता चुना गया। उनके पिता और पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने चुनाव में जीत के तुरंत बाद घोषणा की थी कि उनके उमर केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। (इनपुट- अविनाश तिवारी)
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