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जम्मू-कश्मीर में वोटिंग के अगले ही दिन BJP कैंडिडेट की मौत, हार्ट अटैक से तोड़ा दम

मुश्ताक अहमद शाह बुखारी ने फरवरी 2022 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ चार दशक लंबा नाता तोड़ दिया था। अनुसूचित जनजाति के दर्जे को लेकर उनका पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से विवाद हुआ था जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और इस साल फरवरी में बीजेपी में शामिल हुए थे।

रवींद्र रैना और...- India TV Hindi Image Source : X- @RAVINDERRAINA रवींद्र रैना और मुश्ताक अहमद शाह बुखारी

जम्मू-कश्मीर में वोटिंग खत्म होने के एक दिन बाद ही पूर्व मंत्री और सुरनकोट से बीजेपी के उम्मीदवार मुश्ताक अहमद शाह बुखारी का बुधवार को निधन हो गया। बुखारी पुंछ जिले में उपने आवास पर थे, जब उन्हें दिल का दौरा पड़ा और निधन हो गया। बुखारी 75 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। भाजपा के एक नेता ने बताया कि बुखारी कुछ समय से अस्वस्थ थे और सुबह करीब 7 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई।

इसी साल BJP में हुए थे शामिल

सुरनकोट से दो बार के विधायक रह चुके बुखारी इस साल फरवरी में बीजेपी में शामिल हुए थे, जब केंद्र ने उनके पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया था। उन्हें सुरनकोट से चुनाव मैदान में उतारा गया था, जहां 25 सितंबर को दूसरे चरण में 25 अन्य क्षेत्रों के साथ मतदान हुआ था।

फारूक अब्दुल्ला से विवाद के बाद छोड़ी थी पार्टी

बुखारी ने फरवरी 2022 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ चार दशक लंबा नाता तोड़ दिया था। दरअसल अनुसूचित जनजाति के दर्जे को लेकर उनका पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से विवाद हुआ था जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने बुखारी के निधन पर शोक व्यक्त किया। रैना ने कहा, ‘‘बुखारी जननेता थे और उनके निधन से एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है जिसे भरना बहुत मुश्किल है।’’

सुरनकोट मे 25 सितंबर को डाले गए थे वोट

बीजेपी ने बुखारी को सुरनकोट से चुनाव मैदान में उतारा था। इस सीट पर 25 सितंबर को दूसरे चरण में 25 अन्य सीटों के साथ मतदान हुआ था। नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

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