श्रीनगर: अमरनाथ श्राइन बोर्ड और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा-के लिए कमर कस ली है। यह यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त होगी। अमरनाथ यात्रा के लिए ऑनलाइन हेलीकॉप्टर बुकिंग 1 जून से शुरू होगी। वहीं गुफा तक हेलीकॉप्टर सेवा की दरों की घोषणा जल्द ही श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा की जाएगी।
बर्फ हटाने का काम कर रही बीआरओ
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने यात्रा के सुचारू संचालन के लिए पहले ही तैयारी शुरू कर दी है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बालटाल-दुमेल ट्रैक पर बर्फ हटाने का काम लगभग पूरा कर लिया है और ट्रैक पर आगे का कम तेज़ी से चल रहा है। इस रास्ते पर दर्जनों, मजदूर और बड़ी सुनो कटर मशीन से बर्फ हटाने के काम में लगी हुई है। जहां बर्फ है, उसे हटाया जा रहा है और जहां यह रास्ते पथरों से बंद हैं उन्हें खोला जा रहा है। गुफा के दोनों रास्तों पर अभी भी करीब 5 से 7 फीट तक बर्फ मौजूद है।
ट्रैक पर रेलिंग और वायर मेशिंग, बर्फ हटाने, सुरक्षा कार्य, ट्रैक की रोशनी और अन्य आवश्यक कामों सहित सभी संबंधित कार्य को समय पर पूरा करने के लिए बीआरओ के प्रोजेक्ट बीकन अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए है।
दो मार्गों से होती है अमरनाथ यात्रा
आपको बता दें कि वार्षिक यात्रा दो मार्गों से होती है - अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा छोटा लेकिन खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग। इस यात्रा में दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु आते हैं जो अमरनाथ गुफा मंदिर के भीतर भगवान शिव की प्राकृतिक रूप से बनी बर्फ के हिमलिंग के दर्शन करने आते हैं।