लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे कार्यकाल में ताबड़तोड़ फैसले कर रहे है। योगी ने इसी कड़ी में मंगलवार को साफ कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी किसी भी सूरत में आधे घंटे से ज्यादा का लंच ब्रेक न लें। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर टीम-9 की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा लंबे लंच ब्रेक लेने की शिकायतें मिली हैं जिससे कार्यालयों में काम प्रभावित हो रहा है। यूपी के सीएम ने संबंधित अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि लंच ब्रेक 30 मिनट से ज्यादा न हो।
3 घंटे तक का लंच ब्रेक लेने की मिलती थी शिकायत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों के लिए दोपहर 1.30 बजे लंच ब्रेक लेना आम बात हो गई है और लंच के बाद वे दोपहर 3.30 बजे या शाम 4 बजे के आसपास काम पर लौटते हैं। दोपहर के भोजन के लिए घर जाने वाले वरिष्ठ अधिकारी भी 3 घंटे तक का ब्रेक लेते हैं। ऐसे में अपना काम कराने गए या फिर शिकायतें लेकर पहुंचे आम नागरिकों को काफी दिक्कत होती है। माना जा रहा है कि योगी के इस फैसले से आम आदमी को काफी राहत मिलेगी जो अपना पैसा और समय खर्च कर अधिकारियों के पास जाता है और वे अपनी जगह से नदारद मिलते हैं।
दूसरे कार्यकाल में भी माफियाओं पर सख्त हैं योगी
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने बीते मार्च में लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सूबे का कार्यभार संभालते ही योगी एक बार फिर ऐक्शन में जुट गए और माफियाओं पर नकेल कसने का काम दोबारा शुरू हो गया। योगी ने साथ ही अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिया कि बुलडोजर की मदद से अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई सिर्फ पेशेवर माफिया, अपराधियों के खिलाफ हो और सुनिश्चित किया जाए कि बुलडोजर किसी गरीब की झोपड़ी या दुकान की तरफ ना मुड़े। बता दें कि बुलडोजर योगी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का प्रतीक चिन्ह बन गया है।
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