लखनऊ। अलीगढ़ पुलिस ने महिलाओं के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर गांव की सीधी-साधी महिलाओं को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाती थी और उसके बाद उनके बच्चों को गायब कर दिया करती थीं। पुलिस ने इस मामले में 4 महिला सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने एक नवजात बच्ची को भी बरामद किया है। यह गिरोह इन नवजात बच्चों को उन लोगों के बेचता था जो संतान सुख से वंचित रह गए।
दरअसल, महिलाओं का एक गिरोह गांव की सीधी-साधी महिलाओं को सरकार की योजनाओं के बारे में लालच देकर उनको जांच के नाम पर अलीगढ़ ले आती थीं और जांच के लिए ले जाने पर उनके बच्चे को किसी अन्य महिलाओं को दिलवा देती थीं, इसके बाद ना तो बच्चा मिलता था और ना ही वह महिला। कल भी ऐसा ही हुआ जब गिरोह की एक महिला ने अल्ट्रासाउंड कराने के नाम पर हीरालाल हॉस्पिटल में लेकर आई बच्ची को किसी अन्य महिला को दिलवा दिया। गिरोह की सदस्य बच्ची की मां को को धमकाने लगी। उसके बाद पीड़ित महिला ने अपने परिजनों को फोन किया और पुलिस तक सूचना पहुंची। पुलिस ने मामले में गिरोह का खुलासा कर दिया।
पीड़ित महिला ने बताया, "हीरालाल हॉस्पिटल में उससे बच्ची को लिया और कहा कि जाकर खून की जांच और अल्ट्रासाउंड करवाएंगे। वह हमें बुलाकर अपने साथ ले गई थी, आशा वर्कर है उसने जांच कराई और यह कह रही थी कि तुम अपनी बच्ची को दूसरी महिला को दे दो। उसके बाद हमें अपनी बच्ची का नहीं पता कि कहां गई। उसके बाद हमें बार-बार टालती रही कि थोड़ी देर में दे देंगे, थोड़ी देर में दे देंगे। उसके बाद ज्यादा कहा तो उसने साफ मना कर दिया कि कोई बच्ची नहीं है। उसके बाद हमने अपने घरवालों को फोन किया और फिर कार्रवाई हुई।"
पीड़ित महिला के गांव से आए मुकुट बिहारी ने बताया कि हमारे गांव की महिला है, मुस्लिम है, इसको गांव में एक महिला ने यह झांसा दिया कि आपको ₹1,15,000 मिलेंगे। उसका नाम उषा है, जो ये कहकर झांसा देती थी कि सरकार की कोई योजना जिसमें 20 दिन या 1 महीने के बीच की बच्ची को अलीगढ़ ले जाएगी और ₹1,15,000 दिलवा देगी।
मुकुट बिहारी ने आगे बताया कि पीड़ित महिला मजदूर और अनपढ़ है, इसका पति भट्टे पर काम करता हैं। महिला को अलीगढ़ बुला लियी और कहा कि टीका लगेगा और अन्य जांच होंगी। उसके बाद हीरालाल हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड कराया, 750 रु भी उस महिला ने दिए इसका नाम नेहा है। उसने उसकी बेटी को किसी अन्य महिला को दिलवा दिया और जब वह अल्ट्रासाउंड करा कर बाहर आई तो ना वह महिला थी और ना बच्ची। उसने अपनी बच्ची के बारे में पूछा तो उसने बताया कि आईसीयू में भर्ती है, 11:00 बजे तक मिल जाएगी। बार-बार जब उससे पूछा गया तो उसने मना कर दिया कि तुम्हारी कोई बच्ची यहां पर नहीं है।
इस पूरे मामले पर अलीगढ़ के एसपी सिटी कुलदीप गुणावत ने बताया कि पैसा दिलाने के नाम पर नवजात बच्चों को चुराने का काम ये गिरोह करता था, इस गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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