Uttar Praedsh: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में हाल में पुलिस हिरासत में हुई एक युवक की मौत के मामले में पुलिस अधीक्षक ने रविवार को आठ और पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी । इसके साथ ही घटना में निलंबित होने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़कर अब 10 हो गई है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) आकाश तोमर ने बताया कि पिछले दिनों नवाबगंज थाना क्षेत्र के अन्तर्गत एक झोला छाप डाक्टर की हत्या के मामले में पूछताछ के लिए माझा राठ निवासी देव नारायण यादव उर्फ देवा (22) को प्रभारी निरीक्षक ने थाने पर बुलाया था।
जांच में सामने आई पुलिसवालों की लापरवाही
एसपी आकाश तोमर के मुताबिक पुलिस टीम द्वारा युवक से पूछताछ के दौरान उसकी तबियत अचानक खराब हो गई। उसे पुलिसकर्मियों द्वारा जिला चिक्तिसालय लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था। एसपी ने कहा, ‘‘घटना के तुरंत बाद नवाबगंज के थाना प्रभारी व स्वाट टीम के प्रभारी को निलंबित कर दिया गया था। बाद में पूरे प्रकरण की उच्च अधिकारियों से जांच कराई गई तो पूछताछ के समय थाने पर मौजूद रहे आठ अन्य पुलिसकर्मियों की भी लापरवाही सामने आई। परिणाम स्वरूप आज उन्हें भी निलंबित कर दिया गया।’’
इन पुलिसवालों को किया गया निलंबित
पुलिस अधीक्षक ने बताया, ‘‘जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, उनमें निगरानी प्रकोष्ठ के उप निरीक्षक(SI) आलोक, नवाबगंज थाने के मुख्य आरक्षी मिथलेश सिंह, धर्मेन्द्र व मनोज तथा एसओजी टीम के मुख्य आरक्षी राकेश सिंह, अरुण यादव, आदित्य पाल एवं अमित पाठक शामिल हैं। SP ने कहा कि युवक की मौत को लेकर मृतक के पिता की तहरीर पर नवाबगंज के प्रभारी निरीक्षक और तीन पुलिसकर्मियों को नामजद करते हुए कई अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया गया था।
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