Uttar Pradesh: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल के विधानसभा चुनावों में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए योगी सरकार पर तीखा हमला बोला था, जिसपर भाजपा ने यह कहते हुए पलटवार किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा चौथी बार फिर से हार जाएगी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा, "सपा को पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कोई और नहीं मिल रहा है। यह भाई-भतीजावाद का सबसे बड़ा उदाहरण है।"
भ्रष्टाचार, अराजकता और सांप्रदायिक तुष्टीकरण की ब्रांड एंबेसडर है सपा!
गौरतलब है कि नरेश उत्तम पटेल बुधवार को फिर से प्रदेश अध्यक्ष चुने गए और पार्टी के दो दिवसीय अधिवेशन के दौरान गुरुवार को अखिलेश फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने वाले हैं। चौधरी ने कहा, "सपा का सम्मेलन झूठ और झांसे की बुनियाद पर टिका है। इसके नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का अगले चुनाव में लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भ्रष्टाचार, अराजकता और सांप्रदायिक तुष्टीकरण की ब्रांड एंबेसडर बन गई है सपा!"
'उपद्रवियों, माफियाओं और दंगाइयों को संरक्षण'
उन्होंने कहा कि लोगों ने सपा सरकार के चार शासन देखे हैं और उनकी अपनी सरकारों में सुरक्षा का अभाव है। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर उपद्रवियों, माफियाओं और दंगाइयों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने उत्तर प्रदेश की छवि को महत्वपूर्ण रूप से बदलने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की सराहना करते हुए कहा, "आज जब राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, तो सपा प्रमुख को दर्द हो रहा है।"
हाल ही में अखिलेश ने BJP को कही थी हराने की बात
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सपा द्वारा समाजवादियों और बहुजनवादियों के साथ गठबंधन के नतीजे भले ही अपेक्षा के अनुरूप न रहे हों, लेकिन इससे यह जाहिर हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सिर्फ सपा ही हरा सकती है। यादव ने सपा के प्रांतीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा, ‘‘2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादियों ने कोशिश की थी, ऐतिहासिक फैसला लिया था। देश के करोड़ों लोग सपना देख रहे थे कि बहुजन की ताकतें एक साथ एक मंच पर खड़ी हो जाएं, जो कभी डॉक्टर राम मनोहर लोहिया और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने देखा था। वर्ष 2019 में समाजवादियों ने त्याग करके उस सपने को साकार करने की कोशिश की थी। समाजवादी लोग जो चाहते थे कि बड़ी जीत हासिल हो लेकिन जिस तरह के लोग सत्ता में हैं उन्होंने हर चीज का दुरुपयोग किया। हम कामयाब नहीं हुए।’’
'सपा कर सकती है भाजपा का मुकाबला'
उन्होंने कहा, ‘‘उसके बाद दोबारा समाजवादियों ने मिलकर वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा। जो दल उस समय भाजपा को हटाने के लिए संघर्ष कर रहे थे उन सबको साथ लेकर हम लोगों ने एक मंच पर एक गठबंधन तैयार किया। हम जीत नहीं पाए, लेकिन मैं यह कह सकता हूं 2019 और 2022 के प्रयोग ने और जिस तरह से हमारे नेता और कार्यकर्ताओं ने काम किया, भले ही हमें अपेक्षित सफलता न मिली हो लेकिन हम समाजवादी लोग जान गए हैं कि भाजपा का मुकाबला अगर कोई कर सकता है और कोई उसे हरा सकता है तो वह समाजवादी पार्टी है।’’
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