Uttar Pradesh: अक्सर होता है कि किसी कार्यक्रम में वीवीआईपी के लिए खास व्यवस्था की जाती है। शान से उनका स्वागत होता है, गेट पर उनके चहेते फूल-माला लेकर खड़े रहते हैं। लेकिन वहीं इसके उलट यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री के लिए आगरा कॉलेज का गेट ही नहीं खुला। उन्हें कॉलेज में जाने ही दिया गया जबकि मंत्री चित्रकला प्रदर्शनी और प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित थे। उनकी गाड़ी को चपरासी ने कॉलेज के गेट पर रोक दिया। 10 मिनट इंतजार करने के बाद नाराज होकर मंत्री लौट गए। जानकारी मिलने के बाद कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया।
चीफ गेस्ट थे यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय
दरअसल, आगरा कॉलेज के आर्ट डिपार्टमेंट में शनिवार को आराध्या अंतरराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी और प्रतियोगिता का शुभारंभ होना था। प्रदर्शनी विशाखापट्टनम पोर्ट ऑथोरिटी ने आयोजित की है। उद्घाटन सुबह 11 बजे कॉलेज के आडिटोरियम में होना था। चीफ गेस्ट केन्द्रीय कानून-न्याय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल और यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय करने वाले थे। मंत्री दिए गए समय पर लाव-लश्कर के साथ कॉलेज गेट पर पहुंच गए।
करीब 10 मिनट तक खड़ी रही गाड़ी
खबरों के मुताबिक, कॉलेज के मेन गेट पर ही मंत्री की गाड़ी को रोक दिया गया। उनकी गाड़ी वहां करीब 10 मिनट तक खड़ी रही। इसके बाद भी उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया तो मंत्री का पारा चढ़ गया। नाराज मंत्री काफिले के साथ वापस लौट गए। इसकी जानकारी जैसे ही कालेज प्रशासन को हुई, हड़कंप मच गया। कॉलेज गेट पर आकर सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ की गई। जानकारी अनुसार कुछ शिक्षकों ने मंत्री को फोन भी किया लेकिन दूसरी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।
आगरा कॉलेज के प्राचार्य ने दिया बयान
आगरा कॉलेज के प्राचार्य अनुराग शुक्ला का कहना है कि यह आगरा कॉलेज का कार्यक्रम नहीं था। यहां की एक शिक्षक ने अपनी संस्था की बैनर तले कार्यक्रम कराया था। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री के आगमन की जानकारी भी कॉलेज प्रशासन को नहीं दी। गेट क्यों नहीं खोला मैं इसकी जांच करवाता हूं। मामले में शिक्षक को भी नोटिस जारी किया जाएगा।
मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने दी सफाई
वही खबरों के मुताबिक उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गया था। कॉलेज में कोई परीक्षा हो रही थी। गेट पर बहुत भीड़ थी। वाहन भी ज्यादा थे। प्रवेश करने की जगह नहीं मिली। मैं पुराना छात्र नेता रहा हूं। मैं छात्रों को किसी तरह से परेशान नहीं करना चाहता था। इसलिए वापस चला आया। मैं किसी से भी नाराज नहीं हूं।
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