Uttar Pradesh: BJP से सस्पेंड प्रवक्ता नुपुर शर्मा की टिप्पणी के खिलाफ 3 जून को कानपुर की सड़कों पर हुए उपद्रव मामले में गुरुवार को पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने मामले के मुख्य साजिशकर्ता MMS फैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई की है। कानपुर हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी पर नेशनल सिक्योरिटी लॉ (NSA) लगाया गया है।
गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया
कानपुर पुलिस ने गुरुवार को जेल में बंद बिल्डर हाजी वासी खान, मुख्तार उर्फ बाबा बिरयानी, अकील उर्फ खिचड़ी और शफीक पर गैंगस्टर एक्ट भी लगाया। इन पर आरोप है कि 3 जून को हुई हिंसा में कथित तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिलाधिकारी विशाक जी अय्यर ने बताया कि हयात जफर हाशमी के खिलाफ रासुका लगाया गया है, जिसे कानपुर हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पहचाना गया था। उन्होंने कहा कि NSA के संबंध में नोटिस चित्रकूट जिला जेल में हयात जफर हाशमी को दिया जाएगा, जहां उसे कानपुर जेल से ट्रांसफर कर दिया गया था।
NSA लगाने का भेजा था प्रस्ताव
जिलाधिकारी ने बताया कि कानपुर के पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने जेल में बंद हयात जफर हाशमी के खिलाफ NSA यानी रासुका लगाने का प्रस्ताव भेजा था और उन्होंने प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा। पुलिस आयुक्त मीणा ने जेल में बंद बिल्डर हाजी वसी खान, मुख्तार उर्फ बाबा बिरयानी, अकील उर्फ खिचड़ी और शफीक समेत चार लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज करने का बयान जारी किया।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि कानपुर में पैगंबर मोहम्मद को लेकर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के कथित अपमानजनक बयान के विरोध में 3 जून को बंद के आह्वान के बाद हिंसा हुई थी। नई सड़क और दादा मियां का हाता में 3 जून को हुए उपद्रव में 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे जबकि 25 से अधिक मामूली रूप से घायल हुए थे इस मामले में पुलिस ने 3 मुकदमे दर्ज किए गए थे। पुलिस ने अब तक इस मामले में 62 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है इस मामले की जांच SIT द्वारा की जा रही है। SIT ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस उपद्रव के पीछे गहरा षडयंत्र था बयान का विरोध तो सिर्फ एक दिखावा था।
बता दें कि जिस दिन उपद्रव हुआ उस दिन तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, PM मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और CM योगी आदित्यनाथ कानपुर में ही थे। सभी रामनाथ कोविन्द के गांव कानपुर देहात में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे थे।
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