Uttar Pradesh: सावन का महीना चल रहा है और देशभर में भोले के भक्त पवित्र कांवड़यात्रा के जरिए अपनी भक्ति दिखा रहे हैं। सैकड़ों किलोमीटर पैदल कांवड़ लेकर चलने वाले इन शिव भक्तों की जितनी हो सके प्रशासन मदद कर रहा है। हालांकि, इसके बावजूद भी कई जगहों से खबरे आ ही जाती हैं कि यात्रा के दौरान कुछ बवाल हो गया या फिर दो समुदायों के लोग कहीं आपस में भिड़ गए। अब इसी से बचने के लिए उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद प्रशासन ने फैसला लिया है कि जिस मुख्य मार्ग से कांवड़यात्रा निकलेगी उस रास्ते पर मुस्लिम समुदाय अपना ताजिया नहीं लाएगा।
बातचीत से निकला मामले का हल
उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद में रविवार का दिन ऐसा होने वाला है, जब ताजिया और कांवड़यात्रा एक साथ एक दिन निकलने वाली है। दोनों समुदायों के बीच इस दौरान कोई घटना ना घटे इसे लेकर पुलिस प्रशासन पहले से अलर्ट है। पुलिस प्रशासन ने इस बाबत शिकोहाबाद के मुस्लिम समुदाय से बात की और उनसे आग्रह किया कि रविवार को वह मुख्य मार्ग पर ताजिया ना लेकर आएं, ताकि कांवड़यात्रा आराम से हो सके। मुस्लिम समुदाय ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए इस पर हामी भर दी है।
पुलिस प्रशासन की होनी चाहिए तारीफ
दो समुदायों के बीच आपसी मतभेद ना हो इसे लेकर पुलिस प्रशासन ने जिस तरह की समझदारी दिखाई है इसकी तारीफ होनी चाहिए। दरअसल शिकोहाबाद पुलिस को जब पता चला की रविवार को एक ही दिन एक ही मार्ग से ताजिया और कांवड़यात्रा दोनों निकलना है तो वह परेशान हो गई। पुलिस का परेशान होना जायज था, क्योंकि देश में अभी सांप्रदायिक माहौल अभी ठीक नहीं चल रहे हैं। हालांकि, इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने दोनों समुदायों को थाने में एक साथ बुलाया और इस पर चर्चा कर इस समस्या का समाधान निकाला।
मुख्य मार्ग पर नहीं जाएगा मुस्लिम समुदाय
मुस्लिम समुदाय ने बातचीत के दौरान कहा कि वह ताजिया लेकर मुख्य सड़क पर नहीं जाएंगे, बल्कि इसके बजाय वह ताजिया को मस्जिदों और मोहल्लों में ही घुमाएंगे। मुस्लिम समुदाय ने कहा कि वह एटा शिकोहाबाद सड़क पर, जहां से कांवड़यात्रा निकलने वाली है, वहां ताजिया लेकर नहीं जाएंगे, ताकि किसी भी प्रकार के टकराव से बचा जा सके।
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