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Uttar Pradesh News: पशुपालन मंत्री ने कहा, यूपी के हर जिले में रोजाना 10 निराश्रित गायों को आश्रय देने का लक्ष्य

Uttar Pradesh News: पशुपालन मंत्री ने कहा कि इस साल अप्रैल से अब तक राज्य में 66,000 आश्रयहीन गोवंशीय पशुओं का पुनर्वास किया गया है।

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Highlights

  • अप्रैल से अब तक 66,000 आश्रयहीन गोवंशीय पशुओं को आश्रय दिया गया।
  • राज्य में इस समय 6,222 गौशालाओं में 8.55 लाख पशुओं को आश्रय मिला है।
  • हर जिले में प्रतिदिन कम से कम 10 छुट्टा गायों के पुनर्वास का लक्ष्य रखा गया है।

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के हर जिले में प्रतिदिन कम से कम 10 आवारा गायों को आश्रय देने का लक्ष्य रखा है। राज्य के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस साल अप्रैल से अब तक 66,000 आश्रयहीन गोवंशीय पशुओं को आश्रय दिया गया है। बता दें कि पिछले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में छुट्टा जानवरों के झुंड द्वारा फसलों की बर्बादी प्रमुख चुनावी मुद्दा था। सिंह ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 6,222 गौशालाओं में 8.55 लाख पशुओं को आश्रय मिला है।

‘उत्तर प्रदेश में 225 ऐसे आश्रय स्थल हैं’
पशुपालन मंत्री ने कहा कि इस साल अप्रैल से अब तक राज्य में 66,000 आश्रयहीन गोवंशीय पशुओं का पुनर्वास किया गया है। उनके अनुसार ब्लॉक स्तर पर विशाल गौशालाएं बनाई जा रही हैं, जहां 400 पशुओं को रखा जा सकता है। मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 225 ऐसे आश्रय स्थल हैं और इस साल के अंत तक उसे 280 तक बढ़ाने की योजना है। उनका कहना था कि इसके तहत प्रतिदिन कम से कम 10 छुट्टा गायों के पुनर्वास का लक्ष्य रखा गया है।

उत्तर प्रदेश में 11,84,494 आवारा मवेशी हैं
सिंह ने कहा, ‘भारतीय विरासत में पशुधन को किसी भी अन्य संपत्ति से ऊपर माना जाता है। यहां तक कि पशुओं में भी गाय किसी अन्य जानवर या यहां तक कि सोने या संपत्ति से पहले आती है। हम गौमाता को सुरक्षा और सम्मान प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं।’ केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के 2019 के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में 11,84,494 आवारा मवेशी हैं, जो देश में सबसे ज्यादा हैं। सड़कों पर आने-जाने वालों के लिए खतरा पैदा करने के अलावा ये छुट्टा पशु फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

विपक्ष का चुनावी हथियार बन गया था यह मुद्दा
यह समस्या इतनी गंभीर है कि हाल के विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर हमला करने के लिए विपक्ष ने इसे हथियार बना लिया था। सरकार ने राज्य भर में 65 लाख हेक्टेयर चारागाह भूमि की पहचान की है, जिनमें से अधिकांश पर निजी खेती या अन्य गतिविधियों के लिए कब्जा कर लिया गया है। सिंह कि ऐसी जमीनों पर पशुओं के लिए चारागाह बनाने की प्रक्रिया चल रही है।

पुनर्वास का करीब 90 फीसदी काम पूरा हुआ
सिंह ने कहा, ‘हम राज्य भर में अधिक से अधिक आवारा पशुओं को गौशालाओं में बसाने के लिए काम कर रहे हैं और इन आश्रयों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। राज्य में आवारा पशुओं के पुनर्वास के लिए करीब 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और बाकी का काम इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।’ आश्रयों में इतनी बड़ी संख्या में पशुओं को खिलाने की व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर, पशुपालन मंत्री ने बाजार से चारा खरीदने और लोगों से दान प्राप्त करने की दो तरफा रणनीति का जिक्र किया। 

1.38 लाख आवारा मवेशियों को लोगों ने आश्रय दिया
यूपी के पशुपालन विभाग ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग से अप्रैल से अब तक 3,38,996.1 टन चारे की व्यवस्था की है। इसमें से 2,91,409.4 टन खरीदा गया है और 47,604.3 टन दान के रूप में प्राप्त हुआ है। विभाग ने एक योजना भी शुरू की है जहां कोई व्यक्ति आवारा मवेशियों को अपने घर या खेत में रख सकता है और उसे प्रतिदिन 30 रुपये प्रति पशु का भुगतान किया जाता है। पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत वर्तमान में कुल 1.38 लाख आवारा मवेशियों को लोगों ने आश्रय दिया है।

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