Uttar Pradesh News: कानपुर की एक अदालत से ‘‘जमानत मुचलका’’ भरे बिना उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान के अदालत से ‘‘गायब’’ होने के मामले में रविवार को प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई। कानपुर के पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने कहा कि सहायक पुलिस आयुक्त (कोतवाली) अशोक कुमार सिंह को FIR दर्ज करने से पहले पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने के लिए कहा गया है।
सोमवार को जमानत के लिए हो सकते हैं पेश
अदालत के जानकार सूत्रों ने कहा कि निचली अदालत के आदेश के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील करने के लिए यूपी के मंत्री सोमवार को जमानत के लिए अदालत में पेश हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि FIR दर्ज करने के बजाय, प्रारंभिक जांच को लेकर जानबूझकर मंत्री को पर्याप्त समय प्रदान करने का आदेश दिया गया है, ताकि वह कानूनी सुरक्षा प्राप्त करने के लिए जमानत बॉन्ड पेश कर सकें। सचान ने फोन पर 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत करते हुए कहा कि वरिष्ठ वकीलों की एक टीम पूरे प्रकरण का जायजा लेने के लिए संबंधित अदालत में है और वह उसी के अनुसार इस मुद्दे से निपटेंगे। सचान ने हालांकि इस बात से पूरी तरह अनभिज्ञता जाहिर की कि तीन दशक पुराने आर्म्स एक्ट मामले में शनिवार को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट-तीन की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया या नहीं। मंत्री ने आगे कहा कि जो भी हो वह अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे।
"जमानत बॉन्ड पेश किए बिना हो गए थे गायब"
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शनिवार की रात अदालत की रीडर कामिनी ने मंत्री राकेश सचान के खिलाफ कोतवाली पुलिस में लिखित शिकायत दी है। शिकायत में कहा गया है कि मंत्री सचान से संबंधित अदालत के हथियार मामले की फाइल उनके वकील के पास थी, जब उन्होंने आदेश पत्र और दोषसिद्धि आदेश सहित कुछ कागजात लिए तो सचान अचानक अदालत से गायब हो गए। सचान को तीन दशक पुराने आर्म्स एक्ट मामले में दोषी पाया गया था, सजा की अवधि तय होने से पहले शनिवार को कानपुर की एक अदालत से "जमानत बांड पेश किए बिना" गायब होने का आरोप लगाया गया। हालांकि मंत्री ने गायब होने के आरोप से इनकार करते हुए दावा किया कि उनका मामला "अंतिम फैसले के लिए लिस्टिड नहीं था"।
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