Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में जिला प्रशासन ने कुछ हिन्दूवादी संगठनों की आपत्ति पर कलेक्ट्रेट परिसर में नमाज अदा करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। नगर मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार ने शुक्रवार को बताया कि जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट परिसर में अधिवक्ता भवन के पास सरकारी जमीन पर कलेक्ट्रेट में कार्यरत कर्मचारी और वकील नमाज अदा करते थे। उन्होंने बताया कि हिंदूवादी संगठनों की तरफ से एक सप्ताह पहले ट्वीट कर सरकारी भूमि पर सार्वजनिक रूप से नमाज अदा करने को लेकर शिकायत की गयी थी।
नमाज अदा करने वालों की संख्या तकरीबन 300
मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार ने बताया कि पहले नमाज पढ़ने वालों की संख्या लगभग 25 होती थी, लेकिन पिछले कुछ समय से पास के मुहल्ले के लोगों के भी इसी स्थान पर नमाज अदा करने की वजह से यह संख्या तकरीबन 300 हो गई थी। कलेक्ट्रेट कर्मियों के अलावा अन्य लोगों की भीड़ एकत्रित होने पर भी आपत्ति जताई गई थी। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने नमाज अदा करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है और अब जिला प्रशासन की लिखित अनुमति के बाद ही इस स्थान पर नमाज अदा की जाएगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में एक आदेश जारी कर सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने पर पाबंदी लगायी थी।
सड़क पर नमाज पढ़ने वालों को पुलिस के हवाले किया
वहीं करीब 10 पहले विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने शाहजहांपुर में सड़क पर नमाज पढ़ने के आरोप में पश्चिम बंगाल के लोगों के एक समूह को पुलिस के हवाले कर दिया था। यह घटना पिछले रविवार की शाम की है, लेकिन मामला तब उजागर हुआ जब इससे संबंधित एक वीडियो दो दिन बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पश्चिम बंगाल के लोगों का यह समूह अजमेर शरीफ जा रहा था। अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) संजीव बाजपेई ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर तिलहर थाना क्षेत्र के कपसेड़ा गांव में कुछ लोगों द्वारा सड़क पर नमाज अदा किये जाने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस मौके पर पहुंची और वहां से 18 लोगों को थाने ले आयी और बाद में उन सभी ने माफीनामा लिखकर दिया, जिसके बाद उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।’’
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