Uttar Pradesh News: गन्ना किसानों के लिए समय पर भुगतान हमेशा से एक बड़ी समस्या रही है, सालों साल तक उनके फसलों का भुगतान ना हो पाना उनके जीवन पर भी असर डालता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही एक ऐसा सिस्टम बनाने जा रही है, जिसके माध्यम से गन्ना किसानों को महज़ 10 दिनों में उनकी फसल का भुगतान मिल जाएगा। दरअसल, उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा है कि राज्य सरकार ऐसा तंत्र विकसित कर रही है, जिससे किसानों को गन्ने का भुगतान 14 दिनों के बजाय 10 दिनों के भीतर किया जा सके।
गन्ना किसानों के भुगतान में तेजी आई
गन्ना विकास मंत्री ने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों के भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लाई है और दूसरी बार बनी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने 100 दिनों में 8,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 14,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। चौधरी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में गन्ना किसानों के लिए मुख्य फसल बन गया है। उन्होंने बताया कि इस साल, चिनी मिलों ने 35,000 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है और अब तक 29,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
गेंहू और धान के किसानों को भी बेहतर भुगतान हुआ
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के बीच, हाल में संपन्न हुए राज्य विधानसभा चुनाव में विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्ना उत्पादकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई और गन्ना किसानों के मसले को भी चुनावी मुद्दा बनाया। बीजेपी के शीर्ष नेताओं और आदित्यनाथ ने भी किसानों की अनदेखी के विपक्ष के आरोप को खारिज कर दिया था। योगी समेत अन्य नेताओं ने आंकड़ों के साथ यह दावा किया था कि राज्य सरकार ने 2017 से पहले की सरकारों की तुलना में गन्ना किसानों को कई गुना अधिक भुगतान किया है। मंत्री ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में पिछले पांच वर्षों में गेहूं खरीद के बाद किसानों को 40,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जबकि किसानों को उनसे धान की खरीद के लिए 60,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
गन्ने की नई किस्मों के लिए शोध जारी है
मंत्री ने कहा कि आदित्यनाथ के पिछले शासन के दौरान गन्ना किसानों को 1.80 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था और उनके खातों में पैसा भेजा गया था। चौधरी ने दावा किया कि राज्य में गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है और पिछली सरकारों द्वारा बंद की गई चीनी मिलों को फिर से शुरू किया गया है और उनकी क्षमता में वृद्धि हुई है। मंत्री ने कहा, ‘‘दो साल के समय में हम ऐसी स्थिति बनाना चाहते हैं कि किसान को गन्ने का भुगतान 14 दिनों के मौजूदा प्रावधान की तुलना में 10 दिनों के भीतर किया जाए।’’ चौधरी ने बताया कि गन्ने की नई किस्मों के लिए शोध जारी है और आगामी एक-दो वर्षों में हम अच्छी गुणवत्ता वाले बीज विकसित करेंगे जिससे उत्पादन बढ़ेगा।
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