Uttar Pradesh: वाराणसी छावनी पुलिस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम स्थल और दीवानी अदालत को उड़ाने की धमकी देने वाले एक शख्य को गिरफ्तार किया है। 30 सितंबर को एसपी वाराणसी (ग्रामीण) व अन्य पुलिस अधिकारियों के नंबरों पर कॉल की गई। आरोपी मोनू सोनकर फुलवरिया इलाके में मोमोज बेचता है। मोनू ने धमकी देने के लिए पड़ोसी की बेटी का मोबाइल फोन चुरा लिया था। उसे 2017 में अपनी ही अपहरण की कहानी को फर्जी बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
पड़ोसी का फ़ोन चुराकर किया था फ़ोन
पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने कहा, "छावनी पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मोनू को गिरफ्तार कर लिया गया है। लड़की के परिवार के साथ उसकी पुरानी दुश्मनी थी, जिसका मोबाइल फोन उसने चुरा लिया था।" छावनी इलाके के निरीक्षक प्रभु कांत ने कहा, "मामले की विस्तृत जांच के बाद मोनू के खिलाफ धारा 504, 507, 505 (1) बी और आईपीसी की धारा 153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।"
आरोपी ने कई अधिकारियों के नंबर पर किया था फ़ोन
मोनू ने एसपी वाराणसी, एसपी वाराणसी (ग्रामीण) के आवास और एसीपी कैंट के सीयूजी नंबर पर फोन किया था और एक समारोह में बम विस्फोट की धमकी दी, जिसमें मुख्यमंत्री को शामिल होना था। पुलिस आयुक्त ने कहा, "शुरुआत में मोबाइल फोन की मालिक, जो फुलवरिया इलाके की एक लड़की है, और उसके परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान उन्होंने कहा कि वह फोन 30 सितंबर को सब्जी की दुकान पर खो गया था।"
कोर्ट में ज्ञानवापी केस की चल रही सुनवाई
जानकारी के लिए बता दें कि वाराणसी के जिस कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है, उसमें ज्ञानवापी मामले का केस चल रहा है। उत्तर प्रदेश के सीएम आवास पर वाराणसी कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरी कॉल गुरुवार को आई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के वाराणसी दौरे के दौरान इस धमकी भरे कॉल के बाद से सुरक्षा एजेंसियां एक्टिव हो गई हैं।
सात अक्टूबर को कोर्ट सुनाएगा फैसला
बता दें कि वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानव्यापी मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। ज्ञानवापी मस्जिद-श्रंगार गौरी विवाद पर सात अक्टूबर को कोर्ट फैसला सुनाएगा। वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर- ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने संबंधी वाराणसी की एक अदालत के आदेश पर लगी रोक 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 18 अक्टूबर तय की।
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