मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है। इसके लिए समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। सपा ने डिंपल यादव को विरासत बचाने के लिए भरोसा जताया है तो वहीं बीजेपी ने रघुराज शाक्य ने सपा का यह किला दरकाने की जिम्मेदारी दी है।
उपचुनाव के लिए सपा का प्रचार शुरू
उपचुनाव के लिए प्रचार-प्रसार शुरू हो गया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उपचुनाव में पार्टी की प्रत्याशी और अपनी पत्नी डिंपल यादव के लिए प्रचार शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार की शुरुआत अपने विधानसभा क्षेत्र करहल से की। अखिलेश यादव पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ शुक्रवार को करहल के दिहुली पहुंचे। उन्होंने चौधरी नत्थू सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक जनसभा को संबोधित किया।
'मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव पर पूरे देश की नजर है'
सभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, "यह पहला चुनाव है जब नेताजी हमारे बीच नहीं हैं। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव पर पूरे देश की नजर है।" अखिलेश ने कहा कि, यह चुनाव नेताजी को श्रद्धांजलि देने का चुनाव है। यह सपा की प्रतिष्ठा का चुनाव है। उन्होंने दावा किया कि इस उपचुनाव में सपा की भारी मतों जीत होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अब उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव उनके साथ हैं।
'आजमगढ़ तो हम धोखे में हार गए'
इस जनसभा में अखिलेश यादव का आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में पार्टी की हार का भी दर्द निकलकर आया। उन्होंने कहा, "जो लोग कहते हैं अभी आजमगढ़ हराया मैनपुरी भी हरा देंगे। उन लोगों को कहना चाहता हूं कि आजमगढ़ तो हम धोखे में हार गए। यह मैनपुरी है। यहां की जनता कभी भी समाजवादी पार्टी को हारने नहीं देगी।" उन्होंने कहा कि यहां पर नेताजी का सीधा-सीधा संबंध रहा है। लोगों से जुड़े रहे हैं। नेताजी का मैनपुरी से वर्षों को रिश्ता है। मैनपुरी के लोगों ने नेताजी को नेताजी बनाया है। यह आप लोगों को चुनाव है।
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