Uttar Pradesh Congress President: कांग्रेस ने पूर्व बसपा सांसद बृजलाल खाबरी को बनाया यूपी कांग्रेस का प्रमुख
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के रूप में बृजलाल खाबरी को नियुक्त किया है। खाबरी 1999 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे थे।
Highlights
- बृजलाल खाबरी ने कहा कि मैं इस भूमिका के लिए तैयार हूं।
- हम धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करते: खाबरी
- बुंदेलखंड के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं बृजलाल खाबरी।
Uttar Pradesh Congress President: कांग्रेस ने शनिवार को दलित नेता बृजलाल खाबरी को अपनी उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। पार्टी ने 2024 के आम चुनाव से पहले सूबे में खुद की हालत सुधारने की कोशिशों के तहत 6 क्षेत्रीय प्रमुख भी नियुक्त किए हैं। नियुक्तियों के देखकर लग रहा है कि कांग्रेस ने 2024 में जीत हासिल करने के लिए BMD फॉमूर्ला (ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम) पर भरोसा दिखाया है। शनिवार को पार्टी ने नए अध्यक्ष के रूप में बहुजन समाज पार्टी के सांसद रहे बृजलाल खाबरी के नाम का ऐलान हो गया।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी और नकुल दुबे को मिली अहम जिम्मेदारी
बता दें कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद अजय लल्लू द्वारा प्रदेश इकाई के प्रमुख के पद से इस्तीफा दिए जाने के कुछ महीने बाद ये नियुक्तियां की गई हैं। पार्टी ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के रूप में पूर्व बसपा सांसद खाबरी की नियुक्ति की और इसके साथ ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी, अजय राय, वीरेंद्र चौधरी, नकुल दुबे, अनिल यादव तथा योगेश दीक्षित को प्रदेश इकाई में क्षेत्रीय प्रमुख के रूप में नामित किया।
संगठन को मजबूत करने के लिए पूरे राज्य को 6 इकाइयों में बांटा
कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि संगठन को मजबूत करने की अपनी रणनीति के तहत पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई ने राजनीतिक-सांस्कृतिक आधार पर पूरे राज्य को छह भागों पश्चिम, ब्रज, अवध, बुंदेलखंड, प्रयाग और पूर्वांचल में बांटा है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा पहले ही हर जोन में राष्ट्रीय सचिवों की तैनाती कर चुकी हैं। अब हर जोन का अध्यक्ष भी होगा। सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने नयी नियुक्तियों के साथ जातिगत समीकरणों को भी संतुलित करने की कोशिश की है।
प्रांतीय प्रमुखों के चुनाव में कांग्रेस ने रखा है यह खास समीकरण
कांग्रेस ने जहां अध्यक्ष दलित नेता को बनाया है वहीं प्रांतीय प्रमुखों में 2 ब्राह्मण, एक मुस्लिम, एक भूमिहार और पिछड़ी जातियों से 2 लोगों को शामिल किया है। चौधरी पूर्वांचल क्षेत्र के, अजय राय प्रयाग, नकुल दुबे अवध, अनिल यादव ब्रज, सिद्दीकी पश्चिम और दीक्षित बुंदेलखंड क्षेत्र के प्रमुख होंगे। खाबरी ने 2016 में बसपा छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। विधानसभा चुनावों में प्रियंका गांधी के आक्रामक प्रचार के बावजूद 403 में से सिर्फ 2 सीटें आने पर लल्लू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
बुंदेलखंड के कद्दावर नेताओं में गिने जाते रहे हैं खाबरी
यूपी में दलित चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में आगे कर कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि अब उनकी राजनीति अब दलित समुदाय के आसपास घूमने वाली है। बृजलाल खाबरी की गिनती बुंदेलखंड के इलाके में बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेताओं में होती थी। खाबरी 1999 में जालौन-गरौठा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। 2004 का लोकसभा चुनाव भी वह बसपा के टिकट पर लड़े थे, लेकिन हार का स्वाद चखना पड़ा था। इसके बाद 2008 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा पहुंचाया। 2014 में वह बसपा के टिकट पर फिर लोकसभा चुनाव हार गए।
2016 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए खाबरी
खाबरी ने साल 2016 में बसपा का दामन छोड़ दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद वह 2017 में ललितपुर जनपद की महरौनी सीट से विधानसभा का चुनाव लड़े, लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं, 2019 में कांग्रेस के टिकट पर जालौन-गरौठा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और एक बार फिर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2022 में कांग्रेस से महरौनी से विधानसभा का चुनाव लड़े, और वह फिर चुनाव हार गए। उनकी पत्नी उर्मिला सोनकर खाबरी रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी हैं।
‘मैं इस भूमिका के लिए तैयार, कांग्रेस सभी को साथ लेकर चलती है’
प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होने की घोषणा पर बृजलाल खाबरी ने कहा कि मैं इस भूमिका के लिए तैयार हूं। कांग्रेस सभी को साथ लेकर चलती है। हम धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करते। दलित प्रदेश अध्यक्ष होने पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने आज की जरूरत को ध्यान में रखकर निर्णय लिया है। प्रदेश में कांग्रेस को लेकर चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक हालात बदलते रहते हैं। पहले हम सत्ता में थे। अब नहीं हैं। ये लड़ाई देश और संविधान बचाने की है और हम सभी को साथ लेकर चलेंगे।