यूपी: पर्यटकों और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम, टाइगर सफारी बनाने समेत ये है प्लान
यूपी सरकार पर्यटन और वन्य जीव संरक्षण की दिशा में काम कर रही है और बड़े स्तर पर इसके लिए योजना बना रही है। बिजनौर के अमानगढ़ में लगभग 80 वर्ग किलोमीटर में फैले जंगल को टाइगर सफारी बनाने की तैयारी है। इसके अलावा कई अन्य योजनाओं पर भी काम हो रहा है।
लखनऊ: यूपी में आने वाले पर्यटकों और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए योगी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके लिए जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान से जुड़े उत्तर प्रदेश के हिस्से को विकसित करने की योजना है। सरकार उन इलाकों को संरक्षित करने के लिए अभियान चलाने जा रही है, जहां बाघों की आवाजाही होती है। इस इलाके को 'न्यू जिम कार्बेट' नाम देने पर विचार हो रहा है। इसका मकसद स्थानीय स्तर पर विचरण वाली वन्यजीव आबादी को सुरक्षित आश्रयस्थल देना और अपनी तरह के अनोखे वन क्षेत्र का संरक्षण करना है। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिया है। जल्द ही इस पर कैबिनेट की मुहर लग जाने की उम्मीद है।
बनाया जाएगा टाइगर सफारी
बिजनौर के अमानगढ़ में लगभग 80 वर्ग किलोमीटर में फैले इस जंगल को टाइगर सफारी बनाया जाएगा। यही जंगल उत्तराखंड के जिम कार्बेट जंगल से जुड़ा है। साथ ही, इसे इको और गंगा टूरिज्म से भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा यहां पर पर्यटकों के लिए विश्व पर्यटन स्थल की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
उत्तर प्रदेश में बाघों की संख्या 173 है। जिम कॉर्बेट का हिस्सा होने के कारण इस वन क्षेत्र में भी काफी संख्या में बाघ मौजूद हैं। यहां आने वाले पर्यटकों को टाइगर सफारी के साथ-साथ कई प्रकार के पक्षियों, वनस्पतियों, नदियों, झरनों, वादियों और पहाड़ों का भी आनंद मिलेगा। इसके अलावा पर्यटक नजदीक से तेंदुआ, बाघ और हिरण को देख भी सकेंगे।
जंगल सफारी के अलावा भी कई एक्टिविटी
जंगल सफारी के अलावा इस क्षेत्र में हाथी की सवारी, कैम्पिंग, ट्रैकिंग जैसी एक्टिविटीज का भी मजा लिया जा सकेगा। हाथी की सवारी के लिए महावत की व्यवस्था की जाएगी। वहीं, कैम्पिंग और ट्रैकिंग के लिए ट्रेनर रखे जाएंगे। इससे पर्यटक पूरी सुरक्षा के साथ अपनी ट्रिप का लुत्फ उठा सकेंगे।
पर्यटकों को रुकने के लिए भी यहां सारी व्यवस्थाएं रहेंगी। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त सरकारी विश्राम स्थल के साथ-साथ प्राइवेट होटल्स भी यहां खोले जाएंगे। इसके अलावा रिजॉर्ट और खाने-पीने के लिए कैंटीन की सुविधा भी सरकार उपलब्ध करवाएगी।
गंगा टूरिज्म को भी बढ़ावा
अमानगढ़ आने वाले पर्यटकों को गंगा टूरिज्म का लुत्फ भी मिलेगा। बिजनौर के महात्मा विदुर की कुटी, बालावाली, व गंगा बैराज को गंगा सर्किट में शामिल किया जा रहा है। इससे अमानगढ़ आने वाले पर्यटक इन स्थलों का भी आनन्द ले सकेंगे।
योगी सरकार के वन डिस्ट्रिक्ट वन डेस्टिनेशन (ओडीओडी) योजना में अमानगढ़ भी शामिल है। इसके तहत इसे इको टूरिज्म से जोड़ा जाएगा। इससे पर्यटकों को जंगल, ताल या झील के किनारे अपनी छुट्टियां बिता सकेंगे। वन-डे-टुअर के तौर पर भी यह काफी मुफीद जगह हो जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी का मानना है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर की बनाने में यूपी के सांस्कृतिक, धार्मिक और वन पर्यटन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसी के दृष्टिगत इस क्षेत्र को नए सिरे से विकसित करने तैयारी चल रही है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री का बयान आया सामने
यूपी सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि जिम कॉर्बेट पार्क का हिस्सा अमानगढ़ में आता है। इसे न्यू जिम कॉर्बेट नाम देने पर विचार कर रहे हैं। इस हिस्से में बाघ काफी विचरण करते हैं। इसलिए उनका संरक्षण करना बहुत जरूरी है। इसी कारण सरकार इस दिशा में बहुत तेजी से काम कर रही है।
इस पर कैबिनेट में मुहर लगेगी। इसके बाद इसका खाका तैयार होगा। उन्होंने कहा कि भारत पिछले दो दशक से बाघ संरक्षण की दिशा में काम कर रहा है। इसी का नतीजा है कि देश में पिछले 8 सालों में बाघों की संख्या दुगनी हो गई है।
गौरतलब है कि यूपी में दुधवा, पीलीभीत और अमनगढ़ के बाद राज्य में चित्रकूट के रानीपुर को चौथा टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है। रानीपुर वाइल्ड सेंचुरी को केंद्र सरकार ने देश के 53वें टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया है। इसे केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बाघ संरक्षण की दिशा में सार्थक पहल करार दिया है।
बता दें कि भारत बाघ संरक्षण को लेकर दुनियाभर में चर्चित है, देश में 1973 में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे, जिनकी संख्या बढ़कर 53 हो गई है और देश में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 526 बाघ पाए जाते हैं।