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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश Data Center Park: 5 हजार करोड़ की लागत से बना है यूपी का पहला डेटा सेंटर पार्क, सीएम योगी करेंगे लोकार्पण

Data Center Park: 5 हजार करोड़ की लागत से बना है यूपी का पहला डेटा सेंटर पार्क, सीएम योगी करेंगे लोकार्पण

Data Center Park: उत्तर प्रदेश को अब जल्द ही अपना खुद का पहला डेटा सेंटर पार्क मिलने वाला है। इस डेटा सेंटर की टोटल क्षमता 5000 सर्वर रैक की है। सीएम योगी इस डेटा सेंटर का 31 अक्टूबर को लोकार्पण करेंगे।

UP's first data center park is ready to go live- India TV Hindi Image Source : YOTTA GREATER NOIDA CENTER UP's first data center park is ready to go live

Highlights

  • उत्तर प्रदेश में तैयार हुआ पहला डेटा सेंटर पार्क
  • करीब 3 लाख स्वायर फीट परिसर में फैला है
  • सीएम योगी करेंगे डेटा सेंटर पार्क का लोकार्पण

Data Center Park: उत्तर प्रदेश में 5000 करोड़ की लागत से तैयार पहला डेटा सेंटर पार्क शुरू होने के लिए तैयार है। हीरानंदानी समूह द्वारा विकसित करीब 03 लाख स्वायर फीट परिसर में फैले इस डेटा सेंटर पार्क को महज 22 महीने में तैयार कर लिया गया है। सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार दीपावली के बाद 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डेटा सेंटर पार्क का लोकार्पण करेंगे। 

क्या है इस डेटा सेंटर की खासियत
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में लाइव होने को तैयार इस अत्याधुनिक डेटा सेंटर की पहली बिल्डिंग को योट्टा डी-1 नाम दिया गया है। इस एक डेटा सेंटर बिल्डिंग की कुल क्षमता 5000 सर्वर रैक की है, साथ ही 28.8 मेगावॉट आईटी पॉवर की सुविधा है, जिससे तकरीबन 48 घंटे का आईटी पॉवर बैकअप मिल सकेगा। तय परियोजना के अनुसार यहां कुल 6 डेटा सेंटर बिल्डिंग बनाई जानी है। जिसके बाद यहां कुल 30 हजार सर्वर रैक की क्षमता होगी और करीब 250 मेगावॉट बिजली का उत्पादन भी होगा। 

"मोदी और योगी का योगदान बुलेट ट्रेन की तरह"
मालूम हो कि योट्टा हीरानंदानी समूह का डेटा सेंटर संबंधी उपक्रम है। सेरेमनी-3 में आए हीरानंदानी समूह के मुखिया निरंजन हीरानंदानी ने कहा था कि देश और प्रदेश के आर्थिक विकास में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी का योगदान बुलेट ट्रेन की तरह है। उन्होंने प्रदेश सरकार की नीति और नीयत की खुले मन से सराहना की थी। सरकार के साथ अपने अनुभव को मंच से साझा करते हुए उन्होंने बताया था कि अगस्त 2020 में हमारी बातचीत उत्तर प्रदेश सरकार से शुरू हुई और अक्टूबर 2020 में हमें जमीन आवंटित हो गई। दिसंबर 2020 में परियोजना का शिलान्यास हुआ। जनवरी 2021 में परियोजना के लिए आवश्यक क्लियरेंस मिल गई और मार्च 2021 से डाटा सेंटर का निर्माण शुरू हो गया।

16 बिलियन डॉलर से अधिक का उद्योग होने का अनुमान
एक अनुमान के मुताबिक साल 2025 तक भारत का डेटा एनालिटिक्स उद्योग 16 बिलियन डॉलर से अधिक होने का अनुमान है, ऐसे में डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार खास ध्यान दे रही है। डाटा सेन्टर क्षेत्र की महत्ता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा जारी 2021 में उ.प्र. डाटा सेन्टर नीति अधिसूचित की गई है। नीति के अन्तर्गत अलग-अलग निवेशकों द्वारा वर्तमान में लगभग 15,950 करोड़ से अधिक निवेश से 4 डाटा सेन्टर पार्क्‍स की स्थापना का काम जारी है। इनमें 9134.90 करोड़ के निवेश वाली हीरानन्दानी समूह की मेसर्स एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जापान की 1687 करोड़ के निवेश वाली मेसर्स एनटीटी ग्लोबल सेंटर्स एंड क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा 2414 करोड़ और 2713 करोड़ की दो परियोजनाएं अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की हैं। 

क्या होते हैं डाटा सेंटर पार्क
विगत 03 जून को सम्पन्न तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में यह निवेश प्रस्ताव भी सम्मिलित थे। इन परियोजनाओं के शुरू होने से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। मालूम हो कि डाटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है। बड़ी मात्रा में डाटा भंडारण, प्रोसेसिंग और वितरण के लिए कंपनियों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, बैंकिंग, खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा/पर्यटन और अन्य ट्रांजेक्शन में बहुत अधिक डेटा पैदा होता है, जिसके संग्रहण के लिए डेटा सेंटर की बड़ी उपयोगिता है। वर्तमान में देश का अधिकांश डेटा देश के बाहर संरक्षित किया जाता है। अमेजॉन, एपल, गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट की वित्तीय मजबूती में डेटा का बड़ा योगदान है।

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