UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने करीब साढ़े तीन माह में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ लैंगिक दुर्व्यवहार, दुष्कर्म एवं अन्य गंभीर अपराधों में 2756 आरोपियों को सजा दिलाने का शुक्रवार को दावा किया। राज्य के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने शुक्रवार को बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ठोस और प्रभावी पैरवी के जरिए आरोपियों को कठोरतम सजा दिलाए जाने की दिशा में अभियोजन विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए गए हैं। इसमें 328 आरोपियों को आजीवन कारावास, 594 आरोपियों को 10 वर्ष से अधिक की सजा तथा 1834 आरोपियों को 10 वर्ष से कम की सजा दिलाने में सफलता मिली है।
ठोस और प्रभावी सफलता के जरिए आरोपियों को मिली सजा
अवस्थी ने जारी एक सरकारी बयान में दावा किया, ''इस वर्ष 25 मार्च से 16 जुलाई तक बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (POCSO), महिलाओं के खिलाफ लैंगिक अपराध, बलात्कार एवं अन्य गंभीर अपराधों के साथ-साथ विभिन्न अपराधों में जोरदार पैरवी से आरोपियों को कठोर सजा मिली है। इसमें 328 आरोपियों को आजीवन कारावास, 594 आरोपियों को 10 वर्ष से अधिक की सजा तथा 1834 आरोपियों को 10 वर्ष से कम की सजा दिलाने में सफलता मिली है।''
अवस्थी ने बताया कि माफियों के मामलों में प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप बिजनौर में आरोप मुनीर को एक वाद में दस वर्ष के कठोर कारावास एवं एक लाख रुपये का जुर्माना। इसके अलावा दूसरे वाद में मृत्यु दण्ड एवं एक लाख रुपये के जुर्माने से दण्डित किया गया है।
POCSO अदालतों में 25 मार्च से 16 जुलाई 892 आरोपियों को सजा कराई गई
आपको बता दें कि अप्रैल 2016 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के पुलिस उपाधीक्षक तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की बिजनौर जिले के उनके गांव सहसपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें मुनीर और उसके साथियों के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी। ADGP (अभियोजन) आशुतोष पांडेय ने बताया कि POCSO न्यायालयों में इस वर्ष 25 मार्च से 16 जुलाई तक प्रदेश में 892 आरोपियों को सजा कराई गई। इनमें से 145 को आजीवन कारावास, 291 को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा और 456 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा करायी गयी है।
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