UP News: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को एक ट्वीट में आदित्यनाथ के इस बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा, "अराजकता आबादी से नहीं, लोकतांत्रिक मूल्यों की बर्बादी से उपजती है।" सीएम योगी ने विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर सोमवार को लखनऊ में 'जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा' की शुरुआत करते हुए कहा था, "ऐसा नहीं होना चाहिए कि जनसंख्या वृद्धि की गति या किसी समुदाय का प्रतिशत अधिक हो। हम 'मूल निवासियों' की आबादी को स्थिर करने के लिए जागरूकता के माध्यम से कार्य कर रहे हैं।" उन्होंने कहा था, "इसका धार्मिक जनसांख्यिकी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और वहां अराजकता और अव्यवस्था शुरू हो जाती है। इसलिए जब हम जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में बात करते हैं तो यह सभी के लिए और जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र के ऊपर एक समान होना चाहिए।"
"कानून लाने की बजाए सभी के लिए शिक्षा पर ध्यान दीजिए"
इस बीच, संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने बच्चे पैदा करने का ताल्लुक अल्लाह से बताया। उन्होंने सरकार को यह सलाह दी है कि कानून लाने की बजाए सभी के लिए शिक्षा पर ध्यान देकर जनसंख्या वृद्धि से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है। कथित तौर पर ‘एक खास नजरिये’ से जनसंख्या में वृद्धि को देखने के लिए राज्य सरकार पर हमला करते हुए बर्क ने कहा कि राज्य सरकार का एकमात्र उद्देश्य 2024 में होने वाले चुनावों (लोकसभा) में वोट हासिल करना है। बर्क ने कहा, "जहां तक औलाद पैदा करने का सवाल है, इसका ताल्लुक इंसान से जातीय तौर से नहीं है बल्कि अल्लाह ताला से है।"
"अल्लाह ताला जो बच्चा पैदा करता है, उसके लिए उसका रिज़्क़ (भोजन) भी उसके साथ भेजता है"
बर्क ने जोर देकर कहा, "अल्लाह ताला जो बच्चा पैदा करता है, उसके लिए उसका रिज़्क़ (भोजन) भी उसके साथ भेजता है। इसके बावजूद अगर सरकार कानून लाना चाहती है तो कानून लाने की बजाए तालीम पर जोर दे।" बर्क ने कहा, "जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए कानून को एक हथियार के रूप में सोचने की बजाय, सरकार को शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए और सभी के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए, चाहे वो गरीब, बड़ा या छोटा हो। यदि उन्हें पूरी शिक्षा मिलती है तो जनसंख्या का मुद्दा हल हो जाएगा।"
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