UP News: नोएडा समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने श्रीकांत त्यागी के परिवार से मिलने के पार्टी के फैसले को लेकर अपनी असहमति जताते हुए यह कदम उठाया है। श्रीकांत त्यागी को ओमेक्स सोसाइटी की महिला से बदतमीजी एवं धक्का-मुक्की के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
प्रदेश अध्यक्ष के नाम लिखी खुली चिट्ठी
शैलेंद्र कुमार ने उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के नाम चिट्ठी लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपनी चिट्टी लिखा कि पार्टी के निर्णय से असहमत होते हुए जिला उपाध्यक्ष नोएडा महानगर के पद एवं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से सोसायटी के अपने सभी सहयोगियों के साथ इस्तीफा दे रहा हूं। महिलाओं के साथ गाली गलौज धक्का-मुक्की और बदतमीजी मुझे या मेरे किसी भी सहयोगी को बर्दाश्त नहीं है।
जिससे बीजेपी ने दामन छुड़ा लिया उससे सपा कैसे चिपक सकती है?
उन्होंने अपनी चिट्ठी में पार्टी के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा-आखिर राष्ट्रीय अध्यक्ष 9 सदस्य प्रतिनिधिमंडल को इनाम घोषित अपराधी श्रीकांत त्यागी के परिवार से मिलने की अनुमति कैसे दे सकते हैं ? जिस अपराधी प्रवृति के व्यक्ति से बीजेपी दामन छुड़ा ली उससे सपा कैसे चिपक सकती है? सोसाइटी के अलावा नोएडा उत्तर प्रदेश और पूरे देश में हर कोई महिला की साथ दुर्व्यवहार पर दुखी हैं l
रैली में नोएडा की सोसाइटी के10 लोग भी श्रीकांत के पक्ष में नहीं पहुंचे थे
उन्होंने आगे लिखा-'ज्ञात रहे जिस दिन विशेष वर्ग की रैली श्रीकांत के पक्ष में हुई थी उसी दिन सोसाइटी की महिलाओं ने जोरदार विरोध किया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश जी को मैं बताना चाहता हूं कि उस रैली में, नोएडा की किसी भी सोसाइटी के 10 लोग भी श्रीकांत के पक्ष में नहीं पहुंचे थे। सभ्य समाज में कोई भी इंसान महिला के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेगा चाहे वह किसी भी जाति धर्म संप्रदाय लिंग या भाषा का हो।मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय से पूछना चाहता हूं कि जब यह मामला ठंडा पड़ रहा था तो अचानक महिला विरोधी निर्णय क्यों?आखिर कहीं ठंडे तवे पर रोटी सिकती है क्या? '
महिला की प्रतिष्ठा से छेड़छाड़ का मामला संवेदनशील
शैलेंद्र ने आगे लिखा-महिला की प्रतिष्ठा से छेड़छाड़ का यह संवेदनशील मामला है जिसमें आधी आबादी श्रीकांत त्यागी के इस घृणित कृत्य से दुखी है और न्याय चाहती है। इसका वीडियो भारत के हर महिलाओं एवं बच्चियों के पास पहुंच चुका है। इसके अलावा जातिसूचक शब्द का गंदे तरीके से प्रयोग श्रीकांत द्वारा किया गया है। प्रतीत होता है कि यह प्रतिनिधिमंडल सिर्फ श्रीकांत त्यागी को संतुष्ट करने के लिए भेजा जा रहा है क्योंकि ज्यादातर सदस्य उसी के जात के हैं,जबकि पीड़ित महिला के जाति के एक भी सदस्य को उस डेलिगेशन में रखा नहीं गया है। इसका मतलब यह है समाजवादी पार्टी के इस डेलिगेशन भेजने से जातीय संघर्ष को बढ़ावा मिलेगा। समाजवादी पार्टी पर पहले से ही जातीयता का ठप्पा लगता रहा है।
महिलाएं पार्टी के फैसले पर सवाल उठा रही हैं, जवाब देना मुश्किल
शैलेंद्र ने अपनी चिट्ठी में लिखा, 'विधानसभा चुनाव में सुनील चौधरी जी ने सोसायटी के लोगों को जोड़ने की कोशिश की थी और इसका फायदा चुनाव में भी मिला। जहां सोसायटीज में बस्ते नहीं लगते थे पोलिंग एजेंट नहीं बनते थे इस बार मेरे नेतृत्व में बना। जहां सोसाइटी की महिलाएं समाजवादी पार्टी के तथाकथित गुंडागर्दी के कारण, समाजवादी पार्टी से दूर रहती थीं, मेरे आने से उनका पार्टी पर भरोसा बढ़ा सो साइटी की महिलाएं बढ़-चढ़कर चुनाव एवं समाजवादी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कई महिलाएं पोलिंग एजेंट भी बनी। अब वही महिलाएं अब श्रीकांत त्यागी मामले पर सपा का पक्षधर होने पर प्रश्न उठा रही हैं जिसका जवाब देना मेरे लिए कठिन हो रहा है।इन्हीं कारणों के से व्यथित होकर मैं अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष पद एवं प्राथमिक सदस्यों से इस्तीफा दे रहा हूं।'
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