UP News: अलीगढ़ की रूबी खान करती हैें राम और कृष्ण की पूजा, घर में की गणेश स्थापना, फतवा जारी हुआ तो दिया ये जवाब
UP News: रूबी ने कहा कि वो पूजा रखना जारी रखेंगी और जब उन्हें इस बात से कोई दिक्कत नहीं है तो मौलानाओं को भी दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
UP News: अलीगढ़ के रोरावर इलाके में रूबी आसिफ खान के घर भगवान श्रीराम भी वास करते हैं। वो नमाज तो पढ़ती ही हैं, साथ ही वो राम और कृष्ण की पूजा भी करती आ रही हैं। हालांकि परेशानी उस वक्त बढ़ गई जब उन्होंने अपने घर गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की स्थापना की और पूजा शुरू की। ऐसे में उन्हें इस्लाम से निकालने की धमकी के साथ उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया है। लेकिन उनका कहना है कि वो डरने वाली नही हैं। जो भी ऐसा कर रहे हैं वो सच्चे मुसलमान नहीं हैं।
पूजा करना जारी रखूंगी, मौलानाओं को नहीं होना चाहिए दिक्कतः रूबी
रूबी ने कहा कि वो पूजा रखना जारी रखेंगी और जब उन्हें इस बात से कोई दिक्कत नहीं है तो मौलानाओं को भी दिक्कत नहीं होनी चाहिए।उन्होंने ये भी बताया करीब डेढ़ साल पहले उनके बेटे की तबीयत खराब हुई तो मंदिर जाकर उन्होंने दुआ पढ़ी थी। तब से वो भगवान को मानने लगी हैं और समय समय पर पूजा पाठ करती रही हैं। उनके परिवार के लोगों को इससे समस्या नहीं है, वो पूजा करना जारी रखेंगी।
'पूजा भी करती हूं, नमाज भी पढ़ती हूं'
जब गणेशजी की स्थापना करने और राम और कृष्ण की पूजा करने वाली रूबी को इस्लाम से खारिज करने की बात मौलवियों ने कही तो रूबी ने इंडिया टीवी से कहा कि धर्म के नाम पर भेदभाव करने वाले खुद मुसलमान नहीं हो सकते।रूबी खान के दिल मे कैसे भगवान की भक्ति बसी, मौलवियों ने फतवा जारी किया तो इस बारे में रूबी खान का कहना है कि वे भगवान की पूजा भी करती हैं और नमाज भी पढ़ती हैं।
मुझे अल्लाह और भगवान एक ही लगते हैंः रूबी
मौलवियों को परेशानी इसलिए होती है क्योंकि वे हिंदू मुसलमान करते हैं। सच्चा मुसलमान ऐसा विरोध नहीं करता। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ पहले भी पोस्टर लगवा चुके हैं, जिंदा जलाने की बात भी कही, लेकिन तब भी मैं नहीं डरी तो अब क्यों डरूं।
क्या कहते हैं मौलाना
रूबी पिछले डेढ़ साल से घर में बनाए मंदिर में पूजा कर रही हैं। दरअसल मौलानाओं का कहना था कि इस्लाम सिर्फ अल्लाह की इबादत सिखाता है, यह दो टूक बात है। इसके खिलाफ जो भी काम करता है वो मजहब के खिलाफ है।
रूबी के पति आसिफ खान भी पूजा करने के समर्थन में
आसिफ ने इंडिया टीवी से कहा कि करीब पांच छह साल से मैं और मेरी पत्नी भगवान की पूजा करते रहे हैं। वहीं पिछले डेढ़ साल पहले हमने घर में मंदिर स्थापित किया। उन्होंने बताया कि पहली बार हमने गणेशजी 31 अगस्त को स्थापित किए। हमने 7 दिनों तक गणेशजी स्थापित किए हैं और पूजा कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि उपर वाले ने हिंदू या मुसलमान बनाकर पैदा नहीं किया था। भगवान और अल्लाह एक है हमारे लिए। फतवा देने वाले फतवा देते रहें, इससे हमें फर्क नहीं पड़ेगा। परिवार वालों का क्या रिएक्शन रहा, इस पर आसिफ बताते हैं कि किसी ने विरोध नहीं किया।