UP News: शुक्रवार 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद प्रयागराज पुलिस की कार्रवाई जारी है। पुलिस अब उपद्रव करने वालों के पोस्टर लगाकर उनकी तलाश करेगी। पुलिस ये तस्वीरें, CCTV फुटेज, सर्विलांस कैमरे और लोगों से मिले वीडियो से इकट्ठा करेगी। आपको बता दें कि बवाल करने वालों की पहचान होने के 4 दिन बाद भी उनका पता नहीं चला सका है। अब पुलिस उनको पकड़ने के लिए उनके पोस्टर लगाने की तैयारी कर रही है।
नुकसान की भरपाई की राम उपद्रवियों से वसूली जाएगी
प्रयागराज की इस हिंसा में आम लोगों का की भी संपत्ति का भी नुकसान हुआ था। जिसको लेकर IG प्रयागराज रेंज डॉ. राकेश कुमार सिंह ने कहा है कि, "प्रयागराज हिंसा में कई स्थानीय लोगों के घरों और वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। लोग खुद थाने जाकर FIR दर्ज करवा सकते हैं। उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई कराई जाएगी।" आपको बता दें कि प्रयागराज के करेली और खुल्दाबाद थानों में अब तक 5 FRI दर्ज हो चुकी हैं।
वहीं हिंसा मामले में अब तक 92 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। करीब 95 नामजद और 5 हजार से ज्यादा अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से 92 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। अटाला मस्जिद के इमाम सहित 67 आरोपियों को भी जेल भेजा जा चुका है।
आरोपी का ढहा दिया गया था घर
वहीं, प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड मोहम्मद जावेद उर्फ जावेद पंप का 2 मंजिला घर रविवार को बुलडोजर से गिरा दिया गया था। आरोपी जावेद की बेटी ने प्रशासन की इस कार्रवाई को गलत बताया है। जावेद पंप की पत्नी परवीन फातिमा ने हाईकोर्ट में पिटीशन दाखिल कर प्रयागराज विकास प्राधिकरण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जावेद की पत्नी का कहना है कि घर उनके नाम पर था। ये मकान उनके पिता ने उन्हें शादी से पहले गिफ्ट में दिया था, जिसमें जावेद का मालिकाना हक नहीं है। फिर भी उनको नोटिस दिया गया। प्रशासन ने इस मकान को ध्वस्त करा दिया। पूरे मामले में विकास प्राधिकरण ने इस मकान को बनाने के लिए नक्शा पास नहीं कराने की बात कही है।
आरोपियों के पोस्टर 2 दिन में होंगे जारी
पुलिस ने अटाला, नुरुल्ला रोड पर लगे CCTV कैमरों की फुटेज, मीडियाकर्मियों द्वारा खीचीं गई तस्वीरें और वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान का प्रयास कर रही है। अब इनकी तस्वीर निकालकर पुलिस पोस्टर जारी करने की तैयारी में है। पुलिस दो दिन में ये पोस्टर जारी कर देगी।
पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में एक बात सामने आई है कि अटाला हिंसा में उपद्रवी बाहर से बुलाए गए थे। इसका पुलिस को पता उस CCTV कैमरे की फुटेज से मिला, जिसमें दिख रहा है कि हिंसा से पूर्व बड़ी संख्या में उपद्रवी अटाला क्षेत्र के एक पेट्रोल पंप पर एकत्र होते हैं और पेट्रोल खरीदते हैं। उपद्रवियों को बाकायदा नाश्ते के पैकेट भी बांटे गए हैं। इससे जांच एजेंसियों को बाहर से फंडिंग के पुख्ता सुबूत मिल गए हैं। पुलिस ने इस एंगल पर भी आगे की जांच शुरू कर दी है।
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