UP News: समाजवादी पार्टी के गठबंधन से अलग होने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और उनके अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को लगातार झटके मिल रहे हैं। उनके पदाधिकारी उनका साथ छोड़ रहे हैं। इसके साथ ही पार्टी छोड़ते समय नेता जो राजभर पर आरोप लगा रहे हैं वह उन्हें काफी चिंता में डाल सकते हैं।
अभी कुछ दिनों पहले सुभासपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र राजभर ने इस्तीफा दिया था और अब सोमवार को एक बार फिर कई पदाधिकारियों ने एक साथ सामूहिक इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने राजभर पर पार्टी की मूल नीतियों से भटक जाने का आरोप भी लगाया। इस्तीफा देने वालों में सुभासपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर राधेश्याम सिंह, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, जिला प्रभारी बृजेश सिंह, जिला सचिव संजय राजभर सहित कई वरिष्ठ पार्टी नेता शामिल हैं।
पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं का विश्वास पूरी तरह से डिग गया
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी अपने मूल कर्तव्यों को भूल कर दोहरी नीतियों पर कार्य कर रही है। मास्टर राधेश्याम सिंह की अगुवाई में सभी पदाधिकारियों ने सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से अपना इस्तीफा भेजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी का गठन गरीबों, दबे कुचले और समाज के उत्थान के लिये किया गया था लेकिन पार्टी की दोहरी नीतियों से कार्यकर्ता आहत हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मिशन से भटक चुके नेताओं के चलते पार्टी कार्यकर्ताओं का विश्वास डगमगाने लगा है। कार्यकर्ताओं के डगमगा रहे विश्वास को संभालने की बजाय नेता अपने हिसाब से निर्णय लेते रहते हैं। नतीजा यह हुआ की पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं का विश्वास पूरी तरह से डिग गया है। वे खुद को ठगा महसूस करने लगे हैं।
'ओमप्रकाश राजभर केवल पैसा कमाने में जुटे'
वहीं इससे पहले 5 सितंबर को सुभासपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र राजभर ने भी दर्जनों पदाधिकारियों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी छोड़ते हुए महेंद्र राजभर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि, "ओमप्रकाश राजभर पार्टी के मिशन से भटक गए हैं। वे किसी भी तरह से सिर्फ पैसे कमाने में लगे रहते हैं। पार्टी की स्थापना समाज के उत्थान के लिए हुई थी, लेकिन अब वह अपने लक्ष्य से भटक गई है।"
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