UP News : यूपी के नोएडा में ट्विन टावर को गिराए जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि इतने मलबे का क्या होगा? क्या इसे कहीं निर्जन जगह पर फेंक दिया जाएगा ? नहीं, ऐसा नहीं है। मलबे का रिसाइकिल कर इसे निर्माण सामग्री में बदलने का प्लान है। ट्विन टावर के 30 हजार टन मलबे को रिसाइकिल कर निर्माण सामग्री में बदला जाएगा।
28 अगस्त ध्वस्त हुआ था ट्विन टावर
करीब 100 मीटर ऊंचे दो टावरों को रविवार 28 अगस्त को गिरा दिया गया था। इसे ध्वस्त करने में 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल हुआ। कंपनी ने बुधवार को एक बयान में कहा कि वह नोएडा में ढहाए गए ट्विन टावर से उत्पन्न 30 हजार टन मलबे रिसाइकिल करेगी। इस काम के लिए ‘रि-सस्टेनेबिलिटी’ को तीन महीने का ठेका दिया गया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कचरे को निर्माण सामग्री में बदला जाएगा।
खाली जमीन पर बनेगा पार्क
इस बीच टि्वन टावर को जमींदोज कराने की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ने वाली सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसायटी की आरडब्ल्यूए ने नया ऐलान किया है। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष ने कहा है कि आरडब्ल्यूए और सोसायटी के निवासी खाली हुई जमीन पर किसी भी निर्माण के लिए बिल्डर को सहमति नहीं देंगे। उन्होंने बताया कि टि्वन टावर की जमीन पर एक छोटा ग्रीन पार्क, बच्चों के खेलने का मैदान और एक मंदिर बनाने की योजना है। इसके लिए जल्द ही बैठक कर पूरी सोसायटी के निवासियों की सहमति ली जाएगी।
सफाई का काम जोरों पर
ध्वस्त हो चुके सुपरटेक ट्विन टावरों के आसपास आवासीय सोसायटी और सड़कों पर सफाई का काम चल रहा है। सेक्टर 93ए में एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के लोग अब अपने घरों में शिफ्ट हो चुके हैं। ट्विन टावर को ध्वस्त किये जाने से पहले इनके पास स्थित दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के करीब पांच हज़ार निवासियों को वहां से हटा दिया गया था। एडिफिस इंजीनियरिंग और जेट डिमोलिशन ने इस टावर को ध्वस्त करने का काम किया।
इनपुट-भाषा
Latest Uttar Pradesh News