UP की शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा- अगर मदरसों की जांच होगी तो स्कूलों की भी होगी
UP News: उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने शुक्रवार को कहा कि शिक्षा में भ्रष्टाचार नहीं होने दिया जाएगा और अगर मदरसों की जांच होगी तो स्कूलों की भी होगी। मेरठ में विभागीय समीक्षा करने आईं देवी ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ''शिक्षा में भ्रष्टाचार नहीं होने दिया जाएगा। स्कूल हो या मदरसा दोनों बराबर हैं। अगर मदरसों की जांच होगी तो स्कूलों की भी होगी।'' उन्होंने कहा कि सरकारी अनुदान लेने के मकसद से चलाए जा रहे मदरसों और विद्यालयों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिस भी मदरसे ने फर्जी तरीके से सरकारी अनुदान लिया है, उसकी जांच हो रही है। मंत्री ने कहा, ''सरकार माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प के प्रति गंभीर है। विद्यालयों में CBSE की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम में भी पठन-पाठन की तैयारी की जा रही है। इसके साथ खेलकूद और अन्य रचनात्मक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।'' स्कूलों में किताबों की कमी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच कराई जाएगी और सभी स्कूलों में किताबें भिजवाई जाएंगी। उन्होंने कहा, “सरकारी स्कूलों में शिक्षा के विकास के लिए कार्य किए जाएंगे। निजी स्कूल की तरह सरकारी स्कूलों में भी पूरी सुविधाएं दी जाएंगी।”
राज्यों की भाजपा सरकारें मदरसों के पीछे पड़ीं: AIMPLB
वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भाजपा नीत केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा मदरसों को कथित रूप से निशाना बनाए जाने पर चिंता व्यक्त की है। बोर्ड ने आरोप लगाया कि राज्यों की भाजपा सरकारें मदरसों के पीछे पड़ी हैं। बोर्ड ने पूछा कि मठ, गुरुकुल और धर्मशालाओं जैसे अन्य धार्मिक संस्थानों पर भी यही नियम लागू क्यों नहीं होते। AIMPLB के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने एक बयान में आरोप लगाया कि RSS से प्रभावित एक पार्टी की केंद्र और कुछ राज्यों की सरकारें अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय के प्रति नकारात्मक रुख अपना रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जब एक खास विचारधारा से प्रभावित पार्टी सत्ता में आती है, तो उससे यह उम्मीद की जाती है कि उसका दृष्टिकोण निष्पक्ष और संविधान के दायरे में होगा।’’ रहमानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद संसद और अन्य जगहों पर कानून-व्यवस्था के महत्व को रेखांकित किया है, लेकिन भाजपा नीत विभिन्न राज्य सरकारों का रवैया इसके विपरीत है।