UP News: रेलवे को भारतीय ट्रांसपोर्ट सिस्टम की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। इस रीढ़ की हड्डी को मजबूत और अटूट बनाने में ट्रेन ड्राइवरों का अमूल्य योगदान होता है। यह ड्राइवर समय और हालातों की चिंता न करते हुए एक ट्रेन को अपने लक्ष्य तक पहुंचाते हैं। चाहे बारिश हो या सर्दी, यह ड्राइवर ही एक ट्रेन को सुरक्षित अपने गंतव्य स्थल तक ले जाते हैं।
ऐसी ही एक ट्रेन प्रतापगढ़ से चली, ट्रेन का नाम इंटरसिटी एक्सप्रेस। ट्रेन को कानपुर पहुंचना था। लेकिन अचानक ट्रेन ड्राइवर की चलती ट्रेन में तबीयत ख़राब हो जाती है। ड्राइवर को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गौरीगंज रेलवे स्टेशन के अधीक्षक प्रवीण सिंह ने शुक्रवार को बताया कि, "प्रतापगढ़ जिले के परशुरामपुर चिलबिला निवासी लोको पायलट हरिश्चंद्र शर्मा (46) शुक्रवार सुबह इंटरसिटी ट्रेन को लेकर कानपुर जा रहे थे। अचानक फुर्सतगंज थाना क्षेत्र के कासिमपुर हॉल्ट के पास उनकी तबीयत खराब हो गई।"
दूसरे ड्राइवर ने ट्रेन रोककर बुलाई एम्बुलेंस
उन्होंने बताया कि साथी ड्राइवर ने ट्रेन रोक कर एंबुलेंस को बुलाया। इसके बाद उन्हें नजदीक के अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों का अनुमान है कि शायद उनके दिल ने धड़कना बंद कर दिया जिससे उनकी मौत हुई। ट्रेन कासिमपुर हॉल्ट पर काफी देर तक खड़ी रही और प्रतापगढ़ से दूसरे चालक के आने के बाद ट्रेन कानपुर के लिए रवाना हुई। फुर्सतगंज के थाना प्रभारी मनोज कुमार सोनकर ने कहा कि पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और अन्य कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं।
वहीं ट्रेन के दूसरे ड्राइवर ने बताया कि जब वे प्रतापगढ़ से ट्रेन को लेकर चले थे तब हरिश्चंद्र की तबीयत बिलकुल ठीक थी। लेकिन बीच रास्ते में उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की। हालांकि उन्हें पहले प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स से दवा भी दी लेकिन दर्द बढ़ता जा रहा था। जिसके बाद ट्रेन को कासिमपुर हॉल्ट पर रोककर एम्बुलेंस को बुलाकर उन्हें नजदीकी अस्पताल भेजा गया।
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