A
Hindi News भारत उत्तर प्रदेश UP News: बसपा सांसद अतुल राय को मिली बड़ी राहत, दुष्कर्म मामले में हुए बाइज्जत बरी, नैनी जेल में हैं बंद

UP News: बसपा सांसद अतुल राय को मिली बड़ी राहत, दुष्कर्म मामले में हुए बाइज्जत बरी, नैनी जेल में हैं बंद

UP News: सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म, फर्जीवाड़ा, धमकी देने और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज था, और वह फिलहाल नैनी जेल में हैं।

Atul Rai- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Atul Rai

Highlights

  • घोसी लोकसभा सीट से सांसद हैं अतुल राय
  • वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने किया बरी
  • 'अदालत ने पीड़िता के बयान को विश्वसनीय नहीं माना'

UP News: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (BSP) सांसद अतुल राय को वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने शनिवार को बाइज्जत बरी कर दिया है। राय के खिलाफ दुष्कर्म, फर्जीवाड़ा, धमकी देने और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज था, और वह फिलहाल नैनी जेल में हैं। 

सांसद के खिलाफ दर्ज सभी मामलों से बरी कर दिया गया 

सांसद के अधिवक्ता अनुज यादव ने बताया कि विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए सियाराम चौरसिया ने सांसद अतुल राय को उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों से बाइज्जत बरी कर दिया है। यादव ने बताया कि अदालत ने पीड़िता के बयान को विश्वसनीय नहीं माना और उसकी ओर से साक्ष्य नहीं दिया जा सका और घटना साबित नहीं हो सकी। 

वीडियो वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म का आरोप 

गौरतलब है कि बलिया जिले के मूल निवासी और वाराणसी के उप्र कॉलेज की पूर्व छात्रा ने एक मई 2019 को अतुल राय पर दुष्कर्म सहित अन्य मामलों में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता ने तहरीर में लिखा था कि अतुल राय ने उसे अपने चितईपुर स्थित फ्लैट में ले जाकर दुष्कर्म करने के साथ ही उसकी फोटो और वीडियो बना लिया, जिसके बाद वीडियो वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म करने लगे। 

सांसद ने 22 जून 2019 को अदालत में आत्मसमर्पण किया था

सांसद ने 22 जून 2019 को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था, तब से वह प्रयागराज के नैनी जेल में बंद हैं। इस बीच, 16 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट के सामने पीड़िता और उसके मित्र और मुकदमें के गवाह सत्यम राय ने फेसबुक लाइव कर आत्मदाह कर लिया था, बाद में इलाज के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया था।

मृतक युवती के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था

आत्मदाह की घटना से पहले 2 अगस्त को मृतक युवती के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। युवती पर आरोप था कि उसने दो अलग-अलग मुकदमों में अपनी उम्र अलग-अलग दर्ज कराई है। इस मामले में वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक को गाजियाबाद से हटाकर लखनऊ ट्रांसफर कर दिया गया था। प्रभारी निरीक्षक को लाइन हाजिर कर दिया गया, जबकि विवेचक को सस्पेंड कर दिया गया था।

Latest Uttar Pradesh News