UP News: आजकल कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। शांत दिखने वाले कुत्ते अचानक हमलावर होकर लोगों पर हमला कर रहे हैं। उन्हें काटकर वो इतने बुरी तरह से घायल कर दे रहे हैं कि पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। उन्हें कई टांके लगाने पड़ रहे हैं। अभी हाल ही में गाजियाबाद में एक कुत्ते ने बच्चे को काट लिया था, जिसके बाद उसे लगभग 150 टांके लगाए गए थे।
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के नोएडा से सामने आया है। यहां सुबह टहलने निकले एक बुजुर्ग व्यक्ति को कुत्ते ने काटकर घायल कर दिया। कुत्ते के हमले में 60 वर्षीय बुजुर्ग बुरी तरह से जख्मी हो गया। बुजुर्ग को 20 टांके लगे हैं। उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना शनिवार सुबह की बताई जा रही है। नोएडा के गांव सर्फाबाद के रहने वाले इस्लाम को शनिवार सुबह टहलने के लिए अपने घर से बाहर निकले थे। जहां उन्हने एक लावारिस कुत्ते ने काट लिया। वे सुबह टहलने के लिए जा रहे थे, इसी दौरान पीछे से आए लावारिस कुत्ते ने पैर पर हमला कर दिया।
कुत्ते ने बुजुर्ग पर 6 बार हमला किया
बुजुर्ग ने जैसे तैसे अपने आप को कुत्ते से छुटाया लेकिन उस दौरान भी कुत्ते ने बुजुर्ग के हाथ पर भी हमला कर दिया। जिससे हाथ में बहुत ज्यादा जख्म हो गया। बुजुर्ग द्वारा कुत्ते को छह बार छुड़ाया गया, लेकिन कुत्ता नहीं हटा। बुजुर्ग को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर बुजुर्ग के हाथ में 20 टांके आए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्राधिकरण को शहर के साथ-साथ गांवों में भी कुत्तों पर ध्यान देना चाहिए।
राज्य में इन प्रजितियों के कुत्ते पालने पर लग सकती है रोक
उत्तर प्रदेश में कुत्तों के द्वारा हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले दिनों लखनऊ में पिटबुल ब्रिड के एक कुत्ते के द्वारा काटने के बाद एक महिला की मौत हो गई थी। जिसके बाद हिंसक प्रजाति के कुत्तों को पालने से रोक लगाने की मांग होने लगी थी। जिसके बाद शनिवार को मेरठ में भी इसी तरह की हुई घटना के बाद इस मुहिम को और भी बल मिला। अब खबर आ रही है कि राज्य में हिंसक ब्रिड वाले जानवरों के पालने पर रोक लगा सकती है।
राज्य के नगर विकास विभाग ने शासन में तीन हिंसक प्रजाति के कुत्तों के पालने पर रोक लगाने की मांग की है। इसको लेकर शासन को पत्र लिखा दिया गया है। इसमें पिटबुल और रॉटविलर जैसी प्रजातियां प्रमुख है। इसके अलावा एक प्रजाति मैस्टिम है, जिसके पालने पर रोक लगाने की मांग की गई है। नगर विकास विभाग के विशेष सचिव राजेन्द्र पनेशिया के नेतृत्व में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था।
Latest Uttar Pradesh News