यौन उत्पीड़न के मामलों की ऑनलाइन निगरानी और ट्रैकिंग में उत्तर प्रदेश ने सभी राज्यों में पहला स्थान हासिल किया है। पांच महीने के भीतर ही राज्य 7वें स्थान से टॉप पर आ गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी पुलिस और उसकी सभी शाखाओं ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए आईटीएसएसओ पोर्टल पर निगरानी बनाए रखने के लिए सहयोग किया। इस पहल ने हमें केवल पांच महीनों में टॉप स्थान हासिल करने में मदद की है।
मामलों की ट्रैकिंग आईटीएसएसओ पोर्टल के जरिए की जाती है। इस पोर्टल को 2018 में लॉन्च किया गया था। वेबसाइट का रखरखाव राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा किया जाता है। महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (WCSO) की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) नीरा रावत ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना को प्राथमिकता देते हुए 19 मई 2022 से राज्य के हरेक जिले में संगठन की एक यूनिट स्थापित की गई है।
'जांच अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा'
एडीजी नीरा रावत ने आगे कहा कि इसके साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की निगरानी और एक्शन लेने के लिए जिलों में एक समर्पित सेल के साथ दो स्तरीय प्रणाली बनाई गई और तकनीकी सहायता व प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए लखनऊ में मुख्यालय बनाया गया। संबंधित पुलिस प्रमुख दैनिक आधार पर जिला सेलों में मामलों की निगरानी कर रहे हैं और मामलों में जांच अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
74,070 मामलों का निपटारा करके टॉप पर रहा
पिछले साल अगस्त में एक समीक्षा के दौरान उत्तर प्रदेश, पोर्टल पर मामलों के निपटान और निगरानी में देशभर में 7वें स्थान पर रहा। लेटेस्ट रिकॉर्ड के मुताबिक, राज्य 97.6 प्रतिशत की निपटान दर के साथ 74,070 मामलों का निष्पादन करके टॉप पर रहा। एडीजी नीरा रावत ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के लिए टॉप स्थान बनाए रखना आसान नहीं है। प्रॉसीक्यूशन, एफएसएल और जिला पुलिस सहित हमारी सभी एजेंसियों ने समयबद्ध तरीके से मामलों को सुलझाने के लिए अथक प्रयास किया है।
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