उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सीएम आवास पर फोन करके वाराणसी कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। ये धमकी भरा फोन कॉल गुरुवार को आधी रात में आया। उस वक्त रात में जो स्टाफ ड्यूटी पर था उसने धमकी भरी कॉल को रिसीव किया। जब सीएम आवास के स्टाफ ने ये पूछा कि कहां से बोल रहे हो? तो कॉलर ने फोन काट दिया। इसके बाद ड्यूटी स्टाफ ने सीनियर अधिकारियों को मामले की तुरंत जानकारी दी। धमकी भरे फोन की जानकारी मिलते ही साइबर टीम जांच में जुट गई।
वाराणसी के सब्जी वाले का निकला नंबर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग पर फोन कॉल आया जिसके बाद एहतियात के तौर पर लखनऊ पुलिस ने तुरंत वाराणसी पुलिस से संपर्क किया और वाराणसी कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाई गई। साइबर टीम जब जांच में जुटी तो मोबाइल नंबर ट्रेस करते हुए पुलिस वाराणसी के एक सब्जी विक्रेता के पास पहुंची। पुलिस ने जब सब्जी वाले को हिरासत में लिया तो उसने बताया कि उसका मोबाइल चोरी हो चुका है। जांच में पता सामने आया कि जिस नंबर से धमकी भरी कॉल आई थी वो इस सब्जी विक्रेता की बेटी के नाम पर रजिस्टर है।
कोर्ट में ज्ञानवापी केस की चल रही सुनवाई
जानकारी के लिए बता दें कि वाराणसी के जिस कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है, उसमें ज्ञानवापी मामले का केस चल रहा है। उत्तर प्रदेश के सीएम आवास पर वाराणसी कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरी कॉल गुरुवार को आई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के वाराणसी दौरे के दौरान इस धमकी भरे कॉल के बाद से सुरक्षा एजेंसियां एक्टिव हो गई हैं।
सात अक्टूबर को कोर्ट सुनाएगा फैसला
बता दें कि वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानव्यापी मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। ज्ञानवापी मस्जिद-श्रंगार गौरी विवाद पर सात अक्टूबर को कोर्ट फैसला सुनाएगा। वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर- ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने संबंधी वाराणसी की एक अदालत के आदेश पर लगी रोक 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 18 अक्टूबर तय की।
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