Taj Mahal Controversy: आगरा स्थित विश्व प्रसिद्ध ताजमहल परिसर में मौजूद ताज मस्जिद में कथित रूप से बिना अनुमति कुछ लोग नमाज पढ़ने गए थे। इस मामले में पुलिस ने चार पर्यटकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि स्मारक के रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने परिसर में केवल शुक्रवार को नमाज पढ़ने की अनुमति दी है।
कहां से आए थे चारों पर्यटक?
ताजगंज पुलिस थाने के निरीक्षक इंसपेक्टर भूपेंद्र बालियान ने बृहस्पतिवार को बताया कि घटना बुधवार शाम की है और गिरफ्तार चारों पर्यटकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-153 (दंगा भड़काने की मंशा से उकसाना) के तहत कार्रवाई की गई है। सूत्रों ने बताया कि परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे सीआईएसएफ के जवानों ने बुधवार को ताजमहल परिसर स्थित ताज मस्जिद में जिन चार पर्यटकों को नमाज पढ़ते पकड़ा है, उनमें से तीन हैदराबाद के हैं जबकि एक प्रदेश के ही आजमगढ़ जिले का निवासी है। सीआईएसएफ ने चारों को ताजगंज थाने की पुलिस को सौंप दिया।
शुक्रवार को ही नमाज की इजाजत
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल ने बताया कि केवल शुक्रवार को ही ताजमहल परिसर में नमाज की अनुमति है। उन्होंने बताया कि नियमानुसार ताजमहल शुक्रवार को पर्यटकों के लिए बंद रहता है, लेकिन यहां स्थित मस्जिद में नमाज पढऩे वालों के लिए दोपहर दो बजे तक स्मारक को खोला जाता है। एएसआई के मुताबिक ताजमहल की मस्जिद में केवल शुक्रवार को ही नमाज की अनुमति है और वह भी ताजगंज के स्थानीय लोगों को। बालियान ने बताया कि चारों युवक पुलिस हिरासत में हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि ताज मस्जिद में नमाज पर रोक की जानकारी कुछ दिन पहले तक नहीं सुनी गई थी।
ASI से नमाज पर रोक के मांगे सबूत
ताजमहल स्थित इंतजामिया कमिटी के अध्यक्ष इब्राहिम जैदी ने कहा, ‘‘ताजमहल स्थित मस्जिद में नियमित रूप से नमाज पढ़ी जा रही थी। लेकिन कुछ दिन पहले एएसआई ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार मस्जिद परिसर में शुक्रवार को छोड़कर नमाज पढ़ने पर रोक है।’’ जैदी ने कहा कि कमिटी ने एएसआई से रोक की जानकारी सबूत के साथ लिखित में देने और बोर्ड लगाकर पर्यटकों को इस संबध में सूचना देने की मांग की है। गिरफ्तार पर्यटकों के साथ मौजूद लखनऊ के टूरिस्ट गाइड विनोद दीक्षित ने दावा किया कि आरोपियों को नमाज पर रोक की जानकारी नहीं थी।
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