Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी के नेता और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने वर्ण और जाति की अवधारणाओं को पूरी तरह से त्यागने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के हाल के बयान की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि अगर भागवत में साहस है तो वह जातिवाद का जहर घोलने वाली पुस्तक ‘मनुस्मृति’ पर प्रतिबंध लगवाएं।
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने शरद पूर्णिमा पर बौद्ध तीर्थ स्थली संकिसा पहुंचकर एक सभा में भागवत के बयान की प्रशंसा की। हालांकि, उन्होंने आरएसएस प्रमुख को यह चुनौती भी दी कि “अगर उनमें हिम्मत हो तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहकर जातिवाद का जहर घोलने वाली पुस्तक ‘मनुस्मृति’ पर प्रतिबंध लगवाएं।”
अपने पूर्वजों द्वारा की गई गलतियों को स्वीकारना गलत नहीं - मोहन भागवत
गौरतलब है कि भागवत ने शुक्रवार को नागपुर में एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कहा था कि वर्ण और जाति जैसी अवधारणाओं को पूरी तरह से त्याग दिया जाना चाहिए, क्योंकि अब इनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है। संघ प्रमुख ने यह भी कहा था कि अपने पूर्वजों द्वारा की गई गलतियों को स्वीकार करने और उनके लिए माफी मांगने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए।
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'सरकार नौजवानों का शोषण करवाकर बिचौलियों को फायदा पहुंचा रही - मौर्या
स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के भी वरिष्ठ नेता रह चुके हैं। इस पार्टी की मुखिया मायावती ‘मनुस्मृति’ की मुखर आलोचक हैं। मौर्य ने प्रधानमंत्री मोदी पर पिछड़ों को प्राप्त आरक्षण को खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा, “प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर और अन्य कर्मचारियों की भर्ती में एक भी पिछड़े या दलित व्यक्ति को नौकरी नहीं दी गई। सरकार आरक्षण खत्म कर संविदा की नौकरी के नाम पर नौजवानों का शोषण करवाकर बिचौलियों को फायदा पहुंचा रही है।”
भगवान बुद्धा के विचार दुनिया के कोने-कोने में फैल है - मौर्या
उन्होंने कहा, “भगवान बुद्ध विश्व के प्रथम धर्म गुरु हैं, जिन्होंने संकिसा में अवतरण लिया था। उनके विचार दुनिया के कोने-कोने में फैल गए हैं। आज भी अमेरिका और रूस में खुदाई में बुद्ध के अवशेष मिलते हैं। अयोध्या में तीन बार की खुदाई में बुद्ध के अवशेष मिले तो केंद्र सरकार ने खुदाई रुकवा दी थी।” मौर्य ने बौद्ध धर्म की व्यापकता की चर्चा करते हुए कहा, “दुनिया के 50 देशों में बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। बुद्ध का धर्म अजर-अमर है। उनका ज्ञान जिंदा है। बुद्ध के कारवां में दिन-बदिन भीड़ बढ़ती जा रही है। अब किसी की हिम्मत नहीं है कि बुद्ध के कारवां को रोक सके।”
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