Supertech Twin Tower Demolition: ट्विन टावर के गिरने में अब बहुत कम समय बचा है। 28 अगस्त को दोनों टावर गिराए जाने के निर्देश हैं। इसी बीच ट्विन टावर के डेढ़ किलोमीटर के एरिया मे प्रदूषण मापने वाली मशीनों को लगाया जाएगा। क्योंकि बड़ी मात्रा में मलबा गिरने से वातावरण प्रदूषित होगा। दिल्ली से सटे नोएडा में ट्विन टॉवर्स को गिराने के बाद कितनी दूर तक, कितना ऊंचा और कितना घना धूल का गुबार वातावरण में फैलेगा, इसे मापने के लिए प्रदूषण विभाग ट्विन टावर के डेढ़ किलोमीटर रेडियस में अपनी प्रदूषण मापने की मशीनों को लगाएगा।
दो किमी दूर तक दिखाई दे सकता है धूल के गुबार का असर
अभी शुरूआती तौर पर प्रदूषण विभाग ट्विन टावर के आसपास उठने वाले धूल के गुबार और कितने किलोमीटर तक इसका रेडियस रहेगा यह अनुमान लगा पाने में सक्षम नहीं है। हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक लगभग 2 किलोमीटर के रेडियस में इसका असर दिखाई देगा।
मौसम पर निर्भर करेगा कितना होगा प्रदूषण
प्रदूषण से निपटने के इंतजाम पहले ही किए जा चुके हैं। उन्हें लेकर निर्देश जारी हो चुके हैं। प्राधिकरण भी इंतजाम कर रहा है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि यूपी में पहली बार इतनी ऊंची इमारत का ध्वस्तीकरण हो रहा है। धूल कहां तक जमेगी और प्रदूषण का असर आसपास के इलाकों में कब तक रहेगा, इसके बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है। सब कुछ 28 अगस्त से पहले और उसी के दिन मौसम पर निर्भर करेगा।
तेज हवा चली तो धूल से वातावरण तेजी से प्रदूषित होगा
यदि हवा का बहाव तेज होगा तो 2 किलोमीटर से अधिक दायरे को प्रदूषण चपेट में ले लेगा और बारिश हो गई तो सब कुछ नियंत्रित हो जाएगा। बारिश नहीं होती है और हवा तेज चलती है तो धूल से वातावरण तेजी से प्रदूषित हो जाएगा।
गौरतलब है कि सेक्टर 93 ए स्थित 32 और 29 मंजिला दोनों टावर में 3700 किलो विस्फोटक लगाए गए हैं, जो महज 9-15 सेकेंड में इन्हें मलबे के ढेर में बदल देंगे। 102 मीटर ऊंचे टावर 11 मीटर मलबे के ढेर में बदल जाएंगे। वहीं, एडिफिस कंपनी के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता ने बताया कि वह ट्विन टावर के ब्लास्ट का फाइनल बटन दबाएंगे और उनके साथ जो ब्रिक्समैन और 6 लोग 100 मीटर के दायरे में उस दौरान मौजूद रहेंगे।
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