लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को बड़ा झटका लगा है। भड़काऊ भाषण मामले में 3 साल की सजा होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शुक्रवार को आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द की है। रामपुर की विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है। खान के खिलाफ दर्ज भड़काऊ भाषण के मामले में गुरुवार को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई है।
आजम खान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन डीएम के खिलाफ भड़काऊ बातें कहने का आरोप था। स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें इस मामले में दोषी करार दिया और सजा सुनाई। अब आजम खान विधायक नहीं हैं और साथ ही वह भविष्य में भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। ऐसा रिप्रजेंटेंशन ऑफ द पीपल्स (आरपीए) एक्ट 1951 के तहत हुआ है।
किस मामले में फंसे हैं आजम खान?
आजम खान ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली क्षेत्र के खातानगरिया गांव में एक जनसभा को संबोधित किया था। उन पर आरोप है कि जनसभा में उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले कसी सुनवाई एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) निशांत मान की कोर्ट में चल रही थी। 15 अक्तूबर को प्रॉसिक्यूशन की बहस पूरी हो गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने फैसले के लिए 27 अक्तूबर की तारीख तय की थी। गुरुवार को कोर्ट ने इस मामले में आजम को सजा सुना दी।
‘इस कलेक्टर ने नरक बना दिया है’
आजम ने 09 अप्रैल 2019 को जनसभा में कहा था, ‘मोदी ने हिंदुस्तान में ऐसा माहौल बना दिया है कि मुसलमानों का जीना दूभर हो गया है। जो कांग्रेस का कैंडिडेट है, वह केवल मुसलमानों के वोट न मांगे, कुछ हिंदू भाइयों के भी वोट मांगे। सारा दिन मुसलमानों के वोट मांग रहे हो, जिससे बीजेपी को जीता सके। जो तुम्हें अपशब्द कहते हैं उनसे बदला लो। तुम्हें नहीं दिख रहा रामपुर में कैसा कलेक्टर आया है? एक महीने के अंदर इस कलेक्टर ने नरक बना दिया है। इसने रामपुर में दंगा कराने में कोई कसर नहीं रखी है। बहुत उसूली बनता है। मैं बताऊंगा, खून बहाएगा रामपुर में। बीजेपी को इलेक्शन लड़ाएगा।’
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