Shrikant Tyagi: उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्ध नगर की एक अदालत ने शुक्रवार को श्रीकांत त्यागी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। पिछले महीने नोएडा की एक महिला के साथ मारपीट और अपशब्द कहने वाले कथित वीडियो के सामने आने के बाद त्यागी को गिरफ्तार किया गया था। अदालत के आदेश के अनुसार, जिला एवं सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर अधिनियम) रणविजय प्रताप सिंह ने जमानत याचिका खारिज कर दी। त्यागी के वकील सुशील भाटी ने जमानत याचिका खारिज होने की पुष्टि की है।
त्यागी के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा है दर्ज
नोएडा पुलिस ने 34 साल के त्यागी को नौ अगस्त को मेरठ से गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। गैंगस्टर अधिनियम के अलावा त्यागी पर उसकी कारों पर ऐसे स्टिकर और राज्य सरकार के प्रतीक का उपयोग करने के आरोप में धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज किया गया था, जो केवल विधानसभा सदस्यों को जारी किए जाते हैं। त्यागी को भाजपा का पदाधिकारी बताया गया था। हालांकि, पार्टी ने उसके साथ संबंधों से इनकार किया था।
समाजवादी पार्टी ने की त्यागी के परिवार से मुलाकात
इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) के नोएडा (ग्रामीण) इकाई के महासचिव राघवेंद्र दुबे ने कहा कि सपा के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को श्रीकांत त्यागी की पत्नी अनु त्यागी सहित परिवार के सदस्यों से सेक्टर-93बी स्थित ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में उनके घर पर मुलाकात की और पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग की। दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक शाहिद मंजूर और पूर्व मंत्री नारद राय की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने त्यागी के परिवार से मुलाकात की।
दुबे के मुताबिक, मुलाकात के दौरान अनु त्यागी ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि कैसे पुलिस ने कथित तौर पर परिवार को परेशान किया और केवल उनके घर का एक हिस्सा गिराया जाना ‘‘अन्याय’’ है क्योंकि उनकी सोसायटी के कई अन्य निवासियों ने भी सार्वजनिक जगहों पर अतिक्रमण किया हुआ है। बाद में यहां प्रेसवार्ता के दौरान मंजूर ने कहा, ‘‘त्यागी को उनकी गलतियों की सजा मिल रही है, लेकिन पुलिस द्वारा उनकी पत्नी और परिवार के साथ ज्यादती की गई।’’ पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘हम पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग करते हैं और जो भी दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
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