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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश Shri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में फैसला सुरक्षित, एक दर्जन से अधिक मामलों पर निर्णय का पड़ेगा असर

Shri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में फैसला सुरक्षित, एक दर्जन से अधिक मामलों पर निर्णय का पड़ेगा असर

उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक जिला अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिला न्यायाधीश राजीव भारती 19 मई को अपना निर्णय सुनाएंगे कि यह मामला सुनने योग्य है अथवा नहीं।

Court reserves judgement in Shri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Case- India TV Hindi Image Source : WIKIPEDIA Court reserves judgement in Shri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Case

Highlights

  • मथुरा की जिला अदालत ने फैसला किया सुरक्षित
  • कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले में 19 मई को निर्णय
  • आने वाले निर्णय का सभी मामलों पर पड़ेगा प्रभाव

Shri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Case: उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक जिला अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिला न्यायाधीश राजीव भारती 19 मई को अपना निर्णय सुनाएंगे कि यह मामला सुनने योग्य है अथवा नहीं। अदालत ने दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद निर्णय को सुरक्षित लिया है।

क्या है मामला-

उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री सहित छह अन्य कृष्णभक्तों ने विराजमान ठाकुर को वादी बनाते हुए उनकी ओर से मथुरा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में सितम्बर’ 2020 में यह दावा किया था कि वर्ष 1969 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा समिति एवं शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी के बीच जो समझौता हुआ था, वह पूरी तरह से अवैध था, क्योंकि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा समिति को इस प्रकार का कोई भी करार करने का कानूनी हक ही नहीं था। 

लखनऊ निवासी अग्निहोत्री के अनुसार, ‘‘संबंधित समझौता और अदालत द्वारा इस संबंध में दी गई डिक्री पूरी तरह से अवैध है। इसलिए इसे निरस्त कर शाही ईदगाह को उसकी जमीन से हटा दिया जाए और उक्त समस्त भूमि उसके वास्तविक मालिक श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को दे दी जाए, लेकिन अदालत ने उनकी यह मांग खारिज कर दी। इसके बाद जिला जज की अदालत से भी यह मामला खारिज कर दिया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर ने बताया कि रंजना अग्निहोत्री आदि ने उसी वर्ष अक्तूबर माह में जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिस पर बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई। 

फैसला का प्रभाव-

अदालत ने बृहस्पतिवार को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखते हुए निर्णय सुनाने के लिए 19 मई की तारीख तय की है। उल्लेखनीय है कि रंजना अग्निहोत्री आदि द्वारा दावा पेश किए जाने के बाद से अब तक मथुरा की विभिन्न अदालतों में इसी विषय पर एक दर्जन से अधिक मामले दाखिल किए जा चुके हैं, जिन पर लगातार सुनवाई जारी है। कानून विशेषज्ञों का मानना है कि रंजना अग्निहोत्री के मामले पर आने वाले निर्णय का इन सभी मामलों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि, यदि यह मामला भी जिला जज द्वारा खारिज कर दिया जाता है तो वह इसी प्रकृति के अन्य वादों को भी प्रभावित करेगा। 

19 मई की तारीख मुकर्रर-

जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया, बृहस्पतिवार को वादी की ओर से अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन तथा अन्य द्वारा जिला जज की अदालत में बहस की गई। शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ताओं ने हमेशा की तरह उनके दावे का विरोध किया और अदालत से उनके वाद को न सुनने की प्रार्थना की। अदालत ने दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद निर्णय को सुरक्षित लिया और फैसले के लिए 19 मई की तारीख मुकर्रर की है। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि अदालत में उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि अग्निहोत्री का वाद सुनवाई योग्य नहीं है।

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