Shri Krishna Janmabhoomi Dispute: कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह विवाद की सोमवार को सुनवाई कर रही यहां की एक अदालत ने एक याचिकाकर्ता शैलेंद्र सिंह की ओर से मामले को स्थगित करने की दी गई अर्जी खारिज करते हुए एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जिले के सरकारी वकील संजय गौड़ ने बताया, ‘‘अतिरिक्त जिला न्यायाधीश संजय चौधरी ने याचिकाकर्ता को सुनवाई का आखिरी मौका देते हुए 26 सितंबर सुनवाई की अगली तारीख तय की।’’ पेशे से स्वयं वकील सिंह ने स्वास्थ्य के आधार पर स्थगन अर्जी दी थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।
बचाव पक्ष के वकील नीरज शर्मा ने आपत्ति जताई थी
इस अर्जी पर बचाव पक्ष के वकील नीरज शर्मा ने आपत्ति जताई थी। लखनऊ निवासी सिंह ने अन्य वकीलों और विधि छात्रों के साथ 17 मई 2022 को मथुरा की जिला अदालत में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा- 92 जिसे धारा-91 और 151 के साथ पढ़ा जाए के तहत याचिका दायर की थी और अनुरोध किया था कि बहुसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधि के तौर पर उन्हें सुना जाए जो मानते हैं कि भगवान कृष्ण का जन्म उस स्थान पर हुआ है जहां पर इस समय शाही ईदगाह मौजूद है।
क्या है मथुरा विवाद?
जानकारी के लिए बता दें कि मथुरा विवाद 13.37 एकड़ भूमि के मालिकाना हक का है। इसमें 10.9 एकड़ जमीन कृष्ण जन्मस्थान के पास और 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। मथुरा में इस विवाद की चर्चा पिछले साल तब शुरू हुई थी, जब अखिल भारत हिंदू महासभा ने ईदगाह मस्जिद के अंदर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति स्थापित करने और उसका जलाभिषेक करने का ऐलान किया था। हालांकि, हिंदू महासभा ऐसा कर नहीं सकी थी।
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