लखनऊ: नेपाल के पोखरा से 2 पवित्र शालिग्राम शिलाएं अयोध्या पहुंच गई हैं। शिलाओं को देखकर राम भक्तों के चेहरे भी खिल गए हैं और जगह-जगह शिलाओं पर फूलों की बारिश की जा रही है। अयोध्या पहुंचने से पहले ये शिलाएं मंगलवार देर रात गोरखनाथ मंदिर पहुंची थीं, जहां भारी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने फूलों की बारिश कर पटाखे फोड़े थे और जय श्री राम के नारे लगाकर स्वागत किया था। पूजा-अर्चना के बाद बुधवार सुबह करीब पौने 3 बजे अयोध्या के लिए इन शिलाओं को रवाना किया गया था।
क्या है इन शिलाओं की खासियत
ये शिलाएं 6 करोड़ साल पुरानी हैं। नेपाल के मुस्तांग जिले में शालिग्राम या मुक्तिनाथ (शाब्दिक रूप से "मोक्ष का स्थान") के करीब एक स्थान पर गंडकी नदी में पाई गई 6 करोड़ साल पुरानी विशेष चट्टानों से पत्थरों के दो बड़े टुकड़े पिछले बुधवार को नेपाल से रवाना किए गए थे और यही अयोध्या पहुंचे हैं।
इसमें एक शिला का वजन 26 टन, दूसरी का 14 टन है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने पहले बताया था, 'ये शालिग्राम शिलाएं 6 करोड़ साल पुरानी हैं। विशाल शिलाएं दो अलग-अलग ट्रकों पर नेपाल से अयोध्या पहुंचेंगी। एक पत्थर का वजन 26 टन और दूसरे का वजन 14 टन है। इस पत्थर पर उकेरी गयी भगवान राम की बाल रूप की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा, जो अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति तक बनकर तैयार हो जाएगा।'
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