Shahjahanpur News: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली। यहां एक मुस्लिम शख्स ने हनुमान मंदिर के लिए अपनी जमीन दान कर दी। अस्मत उल्ला खां उर्फ बाबू अली ने ने अपनी जमीन का एक हिस्सा जिला प्रशासन को दान कर दिया है ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते में आ रहे हनुमान मंदिर को वहां स्थानांतरित किया जा सके।
चौड़ा किया जा रहा है दिल्ली-लखनऊ NH-24
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) रामसेवक द्विवेदी ने बताया कि दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय मार्ग को चौड़ा किया जा रहा है और मंदिर के कारण कछियानी केरा गांव में दिल्ली-लखनऊ NH-24 को चौड़ा करने की परियोजना आगे नहीं बढ़ पा रहा थी। इस बात को समझते हुए बाबू अली ने परियोजना के पास स्थित एक बीघा (0.65 हेक्टेयर) जमीन प्रशासन को दे दी ताकि मंदिर को वहां स्थानांतरित किया जा सके।’’
'योगी के सबका साथ-सबका विकास से प्रेरित होकर दान की जमीन'
बता दें कि मंदिर निर्माण के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की जमीन कम होने के कारण बाबू अली की जमीन को खरीदने की योजना बनाई गई थी। बाद में पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के दखल पर मुख्यमंत्री के माध्यम से बाबू अली से बात की गई। इसके बाद भूमिस्वामी बाबू अली मंदिर के पीछे अपनी जमीन के रकबे में से एक बीघा जमीन मंदिर के नाम दान करने के लिए राजी हो गए। बाबू अली ने बताया कि हिंदू-मुस्लिम एकता की साझी विरासत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबका साथ-सबका विकास से प्रेरित होकर हनुमान मंदिर के लिए अपनी एक बीघा भूमि बजरंगबली हनुमान के नाम दान कर दी है।
तिलहर की उप जिलाधिकारी ने की बाबू अली की तारीफ
वहीं, तिलहर की उप जिलाधिकारी राशि कृष्णा ने बताया कि बाबू अली द्वारा अपनी एक बीघा जमीन का बैनामा मंगलवार को प्रशासन के नाम पर किया गया है जिसमें एक क्रेता के रूप में उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं और इसी जमीन पर हनुमान मंदिर को स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने गंगा जमुनी तहजीब को बनाए रखते हुए हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करने के लिए बाबू अली की प्रशंसा की।
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