Road Infrastructure: उत्तर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाली सड़कों के लिए एक बड़ी योजना तैयार की है। लोक निर्माण विभाग ने 16,000 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की है जो राज्य में सड़क बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जाने वाली है। फंड के बड़े हिस्से का उपयोग अयोध्या और मथुरा जैसे धार्मिक शहरों को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि राम वन गमन मार्ग को विकसित करने के लिए विशेष रूप से 4,000 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं।
177 किमी की दूरी में फैले राम वन गमन मार्ग के स्थल जोड़े जाएंगे
177 किमी की दूरी में फैले राम वन गमन मार्ग उन स्थानों को जोड़ेगा जहां भगवान राम ने 14 साल के वनवास के लिए अयोध्या छोड़ने के बाद समय बिताया था। ड्राफ्ट रूट मैप के मुताबिक, चित्रकूट में रूट खत्म होने से पहले पीडब्ल्यूडी अयोध्या को प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी से जोड़ने जा रहा है।
तीर्थयात्रियों के लिए मार्ग में बनेंगे विश्राम स्थल
प्रवक्ता के अनुसार विभाग तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए मार्ग पर विश्राम स्थल बनाने की योजना बना रहा है। इसी तरह अयोध्या से शुरू होकर बस्ती और संत कबीर नगर होते हुए नेपाल के जनकपुर तक जाने वाले राम जानकी मार्ग को 2,000 करोड़ रुपये के बजट से चार लेन तक चौड़ा किया जाएगा।
'84 कोसी परिक्रमा' मार्ग चौड़ीकरण के लिए दो और धार्मिक परियोजनाएं बनाई जाएंगी
मथुरा-वृंदावन और अयोध्या में '84 कोसी परिक्रमा' मार्गों को चौड़ा और विकसित करने के लिए दो और धार्मिक परियोजनाएं होंगी। दोनों मार्गों के लिए पीडब्ल्यूडी को एनएचएआई से फंड प्राप्त हुआ है और प्रत्येक दो मार्गों पर 2,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा। दोनों परिक्रमा मार्गो पर सड़क के किनारे पैदल मार्ग बनाया जाएगा। नियमित अंतराल पर पेड़-पौधे लगाए जाएंगे और शेड व विश्राम क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे। दो से पांच साल के भीतर सभी परियोजनाओं को राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची में शामिल किया जाएगा।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, 250 करोड़ रुपये के बजट से बलरामपुर तक पहुंच में सुधार के लिए बाईपास मार्ग, 200 करोड़ रुपये के बजट से अमेठी में बाईपास 2, प्रतापगढ़ में बाईपास 2 के बजट के साथ 150 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है। सड़क निर्माण कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता की निगरानी के लिए पांच नए संभाग (अयोध्या, जौनपुर, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर एवं आगरा) स्थापित किए गए हैं, जहां सीनियर इंजीनियर की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।
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