उत्तर प्रदेश की नवगठित भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार में पहली बार स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री बनाए गए दयाशंकर सिंह मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं। बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र से विधायक रहे अपने मामा मैनेजर सिंह से प्रभावित होकर दयाशंकर सिंह का जुड़ाव लखनऊ विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुआ। वह 1998 से 1999 तक लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे।
2000 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तर प्रदेश का सचिव बनाया गया। उन्होंने 2007 में पहली बार बलिया सदर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा मगर जीत नहीं सके। उन्हें 2015 में भाजपा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया। हालांकि इसी बीच वह बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती पर कथित विवादित टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में आए और पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए दल से निष्कासित कर दिया।
हालांकि, दयाशंकर सिंह ने बाद में अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया। 2017 में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद उनका निष्कासन रद्द कर दिया और उन्हें फिर से पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया गया।
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