Ram Temple in Ayodhya: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का गर्भगृह 1 जून से बनना शुरू हो जाएगा। गर्भगृह में नक्काशी वाले गुलाबी सेंडस्टोन लगाए जाएंगे जो राजस्थान के भरतपुर की बंसी पहाड़पुर की पहाड़ियों से लाये जा रहे हैं। राम मंदिर में लगाने के लिए ये पत्थर अयोध्या और राजस्थान के सिरोही जिले के पिण्डवारा में तराशे जा रहे है। तराशे गए पत्थर गर्भगृह में लगने हैं इसलिए काम तेज हो गया है। अयोध्या के रामकथा कुंज मैदान में रामजन्मभूमि में निर्मित हो रहे राम मंदिर के लिये पत्थर तराशे जा रहे हैं।
लगे हैं आगरा और राजस्थान के कारीगर
सैंडस्टोन को गीला करके नील से डिजाइन उतारे जा रहे हैं और फिर आगरा और राजस्थान से आये कारीगर नक्काशी कर रहे हैं। आगरा से आये कारीगर जुगेंद्र सिंह ने इंडिया टीवी को बताया कि पत्थरों में नक्काशी का डिजाइन श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दिया है। राजस्थान के कारीगर रामफूल भी नक्काशी में लगे हैं। कारीगरों का कहना है कि उन्होंने अक्षर धाम मंदिर बनाया, गुजरात के कई मंदिरों में नक्काशी की लेकिन अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के पत्थर तराशना एक अलग अनुभव है।
Image Source : India TVArtists carving sandstone in Ayodhya.
रामघाट में 1990 से तराशे जा रहे हैं पत्थर
अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर से करीब 3 किलोमीटर दूर रामघाट में भी पत्थर तराशने का काम चल रहा है। यहां 1990 से पत्थर तराशे जा रहे हैं। अब तक यहां एक लाख स्क्वेयर फीट पत्थर तराशे जा चुके हैं। कार्यशाला में मंदिर के भूतल में लगने वाले 106 पिलर तराशे जा चुके हैं। भूतल की दीवार, चबूतरा, रंगमंडप और सिंहद्वार बनकर तैयार हैं, लेकिन लम्बे समय से राम मंदिर के इंतजार में ये पत्थर काले पड़ गए हैं। इन पत्थरों पर धूल और काई जम गई है जिसे अब साफ किया जा रहा है। पत्थरों को पॉलिश से चमकाया जा रहा है और इनकी कोडिंग भी की जा रही है।
चबूतरे में लगेगा 7 लाख क्यूबिक फीट ग्रेनाइट
रामजन्मभूमि न्यास के मुताबिक राम मंदिर में रेड सैंडस्टोन के अलावा ग्रेनाइट और सफेद मार्बल भी लगेगा। ग्रेनाइट कर्नाटक और तेलांगना से, सैंडस्टोन राजस्थान के भरतपुर जिले की बंसी पहारपुर की पहाड़ियों से और मार्बल मकराना से लाया जा रहा है। मंदिर के परकोटे में 8 से 9 लाख क्यूबिक फीट नक्काशी वाला सैंडस्टोन लगेगा और मंदिर में करीब 5 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार गुलाबी सैंडस्टोन लगेगा। चबूतरे में करीब 7 लाख क्यूबिक फीट ग्रेनाइट लगेगा। गर्भगृह में 13,300 क्यूबिक फीट मकराना का सफेद मार्बल लगेगा और 95300 स्कॉयर फिट मकराना मार्बल फर्श में लगेगा।
जुलाई तक पूरा हो जाएगा चबूतरे का काम
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कहना है कि राममंदिर में प्लिंथ यानी कि चबूतरे का काम जुलाई तक पूरा हो जाएगा। राम मंदिर में गर्भगृह में पत्थर लगाने के साथ रिटेनिंग वॉल बनने का काम भी चलेगा। ट्रस्ट की कोशिश है कि दिसंबर 2023 में श्रद्धालु भगवान राम के गर्भगृह में दर्शन कर सकें।
Latest Uttar Pradesh News