Prophet Row: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अपने अधीन आने वाली सभी मस्जिदों को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। बोर्ड ने मस्जिदों में आपसी सौहार्द और शांति व्यवस्था बिगाड़ने वाला कोई भी बयान या तकरीर देने और नमाज के अलावा किसी भी तरह की भीड़ इकट्ठा करने पर पाबंदी लगा दी है। बीते 10 जून को प्रदेश के कई शहरों में जुमे की नमाज के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए थे। हिंसा के बाद से पुलिस की कार्रवाई में अब तक सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बोर्ड की यह पाबंदी ऐसी किसी भी स्थिति को टालने के लिए है।
‘मस्जिदों में कोई भी जलसा न हो’
बोर्ड के कार्यवाहक प्रशासनिक अधिकारी सैयद हसन रजा रिजवी ने गुरुवार को जारी आदेश में बोर्ड में रजिस्टर्ड सभी वक्फ संपत्तियों के मुतवल्लियों (मैनेजर्स), मैनेजमेंट कमेटियों और प्रशासकों से कहा गया है कि वे अपने-अपने प्रबंधन वाली मस्जिदों में नमाज़, खास तौर पर जुमे की नमाज़ में ऐसा कोई भी खुत्बा (भाषण) या कोई ऐसा बयान नहीं होने दें जिससे आपसी सौहार्द और शांति व्यवस्था बिगड़ने की आशंका हो। आदेश में यह भी कहा गया है कि मस्जिदों में नमाज़ के अलावा किसी भी तरह का कोई जलसा आयोजित न किया जाए और न ही भीड़ इकट्ठा होने दी जाए।
अगले आदेश तक लागू रहेगी व्यवस्था
बोर्ड ने आदेश की एक प्रति प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस प्रमुखों को भी भेजी है। उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली ज़ैदी ने बताया कि पिछली 10 जून को देश के विभिन्न राज्यों में जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव से उपजे हालात के मद्देनजर यह आदेश जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था अगले आदेश तक लागू रहेगी। बता दें कि ये प्रदर्शन नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में दिए एक बयान के खिलाफ हुए थे। प्रदर्शनकारी नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
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