President Ramnath Kovind: भारत में देश का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति होता है। राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था इतनी चाक-चौबंद रहती है कि कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। उनकी सुरक्षा के लिए स्पेशल गॉर्ड तैनात किये जाते हैं। उनकी सुरक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च किये जाते हैं। लेकिन अगर आपको बताया जाए कि राष्ट्रपति की एक छोटी सी चीज के लिए 6 लंगूर बंदरों को उसकी सुरक्षा में लगाया गया तो आपको शायद भरोसा नहीं होगा। लेकिन कल सोमवार को ऐसा हुआ। राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में बंदरों को लगाया गया।
मथुरा दौरे पर गए थे राष्ट्रपति
दरअसल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोमवार को सपरिवार मथुरा के दौरे पर थे। मथुरा में बंदरों का भयानक आतंक है। यहां बंदरों से राष्ट्रपति की सुरक्षा और महामहिम का कोई सामान जैसे चश्मा या खाने की कोई चीज न ले जाएं इसके लिए स्थानीय प्रशासन को 6 लंगूरी बंदरों की ड्यूटी लगाई।
राष्ट्रपति कोविंद सोमवार को वृंदावन में महिला आश्रय सदन के अलावा बांके बिहारी मंदिर भी गए। मंदिर के आसपास बंदरों का काफी आतंक है। यहां बड़ी संख्या में मौजूद बंदर लोगों से चश्मा, पर्स, मोबाइल छीन कर ले जाते हैं। देश का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति यहां दौरे पर आ रहे थे, जिसके बाद प्रशासन परेशान था कि क्या किया जाए? राष्ट्रपति को बंदरों के आतंक से बचाया जाए? प्रशासन को डर था कि बंदर राष्ट्रपति के दौरे के दौरान किसी तरह की गड़बड़ न कर दें, इसके लिए मंदिर के आसपास ट्रेंड लंगूर तैनात किए गए।
ट्रेनर के साथ ड्यूटी पर तैनात किये गए लंगूर
बांके बिहारी मंदिर, वीआईपी रोड पर लंगूर की तैनाती की जिम्मेदारी वन विभाग को दी गई थी। वन विभाग ने भ्रतिया गांव के रहने वाले रामनिवास से 6 लंगूर मंगाए। ट्रेनर राम निवास के साथ लाए गए ये लंगूर पूरी तरह से ट्रेंड हैं। इन लंगूरों को देखकर सड़कों पर उतर कर समान ले जाने वाले बंदर दूर ही छतों पर रहे। राष्ट्रपति के पूरे दौरे के दौरान लंगूरों की वजह से सामान्य बंदर आसपास भी नहीं दिखे। राष्ट्रपति का दौरा बंदरों के द्वारा बिना किसी नुकसान किये गुजरने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।
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